Edited By Pooja Gill,Updated: 05 Sep, 2025 09:52 AM

लखनऊ: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 28...
लखनऊ: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश का असर मैदानी इलाकों में भी देखने को मिल रहा है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश में बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 28 हो गई है। इनमें से ज़्यादातर जिले यमुना नदी के किनारे हैं, जिसका जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार बढ़ रहा है। इन क्षेत्रों में खासकर राज्य के पश्चिमी हिस्सों में राहत और बचाव दल को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
ये जिले बाढ़ से प्रभावित
अभी तक जिन 28 जिलों में बाढ़ की सूचना मिली थी, उनमें आगरा, अलीगढ़, बलिया, बाराबंकी, बदायूं, बस्ती, चंदौली, फरुर्खाबाद, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, गोंडा, गोरखपुर, हरदोई, कासगंज, कानपुर देहात, कन्नौज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मथुरा, मिर्जापुर, मुजफ्फरनगर, पीलीभीत, सहारनपुर, शाहजहांपुर, संत कबीर नगर, सीतापुर और उन्नाव शामिल थे। इनमें से आगरा, अलीगढ़, बाराबंकी, बस्ती, गौतमबुद्ध नगर, गोरखपुर, हरदोई, कन्नौज, मथुरा, पीलीभीत, सहारनपुर, संत कबीर नगर और सीतापुर में लोग बाढ़ से प्रभावित हैं।
पीलीभीत में बिगड़े हालात
पीलीभीत में लगातार बारिश से बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। पुरनपुर एवं कलीनगर तहसील क्षेत्र के अतिरिक्त बीसलपुर तहसील क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में है। देवहा और शारदा नदी के उफान से कई गांवों में पानी घुस गया है। जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सहायता को सदर तहसील तथा अन्य बाढ प्रभावित क्षेत्रों के प्राथमिक विद्यालयों में भी कम्युनिटी किचन चालू हैं। जहां भोजन तैयार कर बाढ़ पीड़ितों को वितरित कराया जा रहा है। जनपद में 62 स्थाई/अस्थाई गौशालाओं में से दो गौशालाओं में पानी भरने की सूचना प्राप्त हुई है।