Edited By Pooja Gill,Updated: 12 Sep, 2024 03:26 PM
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में एक साथ प्रदेश के सभी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम योगी...
Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित अटल आवासीय विद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में एक साथ प्रदेश के सभी 18 अटल आवासीय विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 का शुभारंभ किया। इस दौरान सीएम योगी ने मेधावी विद्यार्थियों को पुरस्कार एवं प्रवेशित विद्यार्थियों को स्कूल बैग के वितरण किए। वहीं, कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम योगी ने विपक्ष पर भी जमकर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि ''ये जाति के नाम पर लड़ाने वाले समाज में सामाजिक न्याय के नाम पर सामाजिक वैमनश्यता पैदा कर देश के दुश्मनों को प्रोत्साहित करने वाले लोग गरीबी के दंश को क्या झेल पाएंगे, क्या समझ पाएंगे। जिन्होंने शोषण अराजकता फैलाई, जिन्होंने गरीबी नहीं देखी हो, उनसे ये उम्मीद करना कि वह पीड़ा समझेंगे, यह भूल होगी।''
समाज में अशिक्षा से विकृतियां आती हैंः योगी
सीएम योगी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि ''पीएम मोदी ने आवाह्न किया था, देश के रजिस्टर्ड श्रमिको के बच्चों के लिए बेहतर करने का, उसी क्रम में यह कार्य हो रहा है। अशिक्षा और अभाव समाज के सबसे बड़े दुश्मन है, अभाव आता है अराजकता, भ्रष्टाचार, से जहां अभाव होगा वहां असुरक्षा होगी जंगलराज होगा। जब समाज को नेतृत्व न मिले तो अशिक्षा आती है, समाज में अशिक्षा से विकृतियां आती हैं। अटल जी ने अपने काव्यों में इन सबका उदग्र किया है। हम सब उन्हीं श्रद्धेय अटल जी की स्मृतियों को संजोते हुए इन आवासीय विद्यालयों को शुभारंभ करने जा रहे हैं, 18 मंडलों में संचालित हो रहे हैं। इसमें मेरठ, मिर्जापुर, वाराणसी, गोरखपुर, बांदा, आजमगढ़ सहित 18 मंडल शामिल हैं।'
सीएम ने साधा विपक्ष पर निशाना
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान बिना किसी का नाम लिए विपक्ष पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि '' ये जाति के नाम पर लड़ाने वाले समाज में सामाजिक न्याय के नाम पर सामाजिक वैमनश्यता पैदा कर देश के दुश्मनों को प्रोत्साहित करने वाले लोग गरीबी के दंश को क्या झेल पाएंगे, क्या समझ पाएंगे। जिन लोगों ने हमेशा शोषण किया, अराजकता फैलाई, कभी गरीबी नहीं देखी, उनसे उम्मीद करना कि वो बीओसी बोर्ड से जुड़े हुए रजिस्टर्ड श्रमिक या इन निराश्रित बच्चों जिन्होंने कोविड कालखंड में अपने माता-पिता या अभिभावक को खोया है, उनकी पीड़ा को समझ पाएंगे। उन लोगों के पास उसे समझने के लिए न समय है, न फुर्सत है, क्योंकि उनके अपने एजेंडे हैं। उनका एकमात्र एजेंडा और ध्येय राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोगों को बांटना है। इसके अलावा उनको कुछ भी नहीं दिखाई देता। ये चाहते हैं कि एक गरीब कभी गरीबी, अभाव और अशिक्षा से मुक्त न होने पाए। अगर हो जाएगा तो इनके बंटवारे और सामाजिक वैमनश्यता की राजनीति पूरी तरह समाप्त हो जाएगी। इसलिए येन केन प्रकारेण ये लोग समाज को विभाजन की कगार पर पहुंचाना चाहते हैं। यही कारण है कि सरकारें पहले भी थीं, पैसा पहले भी था, लेकिन गरीबों के बच्चों के लिए शिक्षा का प्रबंध नहीं किया गया। आज बिना भेदभाव किए सब को शिक्षा प्राप्त हो रही है।