Edited By Ajay kumar,Updated: 14 Dec, 2019 12:30 PM
एक तरफ ज़िले के आला अधिकारी काशी की कौमी एकता की परम्परा को मजबूत बनाने के लिए जी जान लगाए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे सरकारी मुलाजिम भी हैं जो अपने व्यवहार से शासन-प्रशासन की फजीहत...
वाराणसी: एक तरफ ज़िले के आला अधिकारी काशी की कौमी एकता की परम्परा को मजबूत बनाने के लिए जी जान लगाए हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे सरकारी मुलाजिम भी हैं जो अपने व्यवहार से शासन-प्रशासन की फजीहत कराने पर तुले हुए हैं। वाराणसी में ऐसा ही एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें जिले के एक इंस्पेक्टर साहब मुस्लिम युवकों को बजाये नियमों की जानकारी देने के साथ उनसे बद्तमीजी से पेश आ रहे हैं।
मामला जनपद के जैतपुरा थाना क्षेत्र का है। जहां एनआरसी और कैब बिल का बिना अनुमति के विरोध कर रहे मुस्लिम युवकों का सड़क पर आना जैतपुरा थानाध्यक्ष शशि भूषण राय को इतना नागवारा गुज़रा कि उन्होंने गालियों की बौछार करते हुए एक युवा को सड़क पर चीरने तक की धमकी दे डाली। जिसके बाद थानाध्यक्ष का यह वीडियो बहुत तेज़ी से वायरल हो रहा है।
जानकारी के अनुसार जुमा की नमाज़ के बाद आज पूरे देश में मुस्लिमों ने शांतिपूर्वक एनआरसी और कैब का विरोध किया है। इसी विरोध के क्रम में जैतपुरा इलाके में विरोध कर रहे युवकों के नियम विरुद्ध सड़क पर आ जाने से जैतपुरा थानाध्यक्ष इतने आग बबूला हो गए कि उन्होंने वर्दी के सभी मैन्यूल्स ताख पर रख दिए। वहीं युवाओं पर अपशब्दों की बौछर करते हुए कहा कि ”ज़्यादा मत बोलो वरना यहीं चीर के रख दूंगा, मुझे नहीं जानते हो तुम अभी, सड़क पर कैसे आये तुम्हारे बाप की सड़क है क्या।”
जब युवक ने कहा कि सर गाली मत दीजिये तो उनका पारा और चढ़ गया वे बोले कि ‘चीर के ख़त्म कर दूंगा यहीं, सारा खानदान यहीं चिथड़ा हो जाएगा तुम्हारा।’ युवा वहां से जाने लगे तो बोले कैब तो लागू होगा ही पर तू जाएगा अंदर।’ वायरल हो रहे इस वीडियो के बाद वाराणसी पुलिस की छवि धूमिल हो रही है।
इस पूरे मामले का दूसरा पक्ष ये भी है कि मुस्लिम युवकों की टोली बिना अनुमति के प्रोटेस्ट निकाल रही थी। बावजूद इसके इंस्पेक्टर जैतपुरा युवकों को समझा बुझाकर वापस भेजने की जगह उनसे बद्तमीजी से पेश आते दिखे।
गौरतलब है कि सोशल मीडिया के जमाने में जब कोई भी कंटेंट तेजी से वायरल हो सकती है, ऐसे में इंस्पेक्टर का ये वीडियो कहां-कहां वायरल हो चुका होगा किसी को अंदाज भी नहीं होगा। सीएबी और एनआरसी के मुद्दे पर देश में फैल रहे भ्रम को समाप्त करने का दायित्व जब शासन-प्रशासन के नुमाइंदों पर हो, तब एक इंस्पेक्टर का मुस्लिम युवकों को बजाए शालीनता से समझाने बुझाने के उन्हें चीर देने की धमकी देने वाला वीडियो क्या संदेश फैलाएगा, ये कोई भी सहजता से समझ सकता है।
यह भी बता दें कि वाराणसी के जिलाधिकारी और एसएसपी हाल ही में मुल्क और कौम की मिल्लत के लिए जहां जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मंच पर पहुंचते हैं और जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा नारे तकबीर का नारा लगाकर मुस्लिम भाइयों का दिल जीत लेते हैं, तो वहीं दूसरी तरफ एसएसपी प्रभाकर चौधरी मुस्लिमों को एकता का प्रहरी बताते हैं। बावजूद इसके उनके एक इंस्पेक्टर साहब इस मिल्लत को शर्मिंदा करने पर लगे हुए हैं।
दूसरी बात ये कि मुख्यमंत्री से लेकर डीजीपी, एडीजी ज़ोन, आईजी और एसएसपी गुड पुलिसिंग और जनता से मेल मिलाप का माहौल तैयार करने की बात करते हैं और लगातार इसपर मीटिंग भी होती हैं। इन मीटिंग्स में जनपद के सभी सीओ और थानाध्यक्ष मौजूद होते हैं पर शायद इन अधिकारियों में से कुछ अपने आला अधिकारियों का फरमान मानने के लिए नहीं बस सुनने के लिए जाते हैं और करते अपने मन की हैं।