'झांसी में दिल दहला देने वाली घटना दोहराई नहीं जानी चाहिए...' डिप्टी सीएम ने दिए नियमित जांच के निर्देश

Edited By Pooja Gill,Updated: 19 Nov, 2024 08:24 AM

the heart wrenching incident in jhansi

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने झांसी के एक अस्पताल में लगी भीषण आग में 10 बच्चों की झुलस कर मौत की घटना के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों को राज्य के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि...

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने झांसी के एक अस्पताल में लगी भीषण आग में 10 बच्चों की झुलस कर मौत की घटना के बाद स्वास्थ्य अधिकारियों को राज्य के सभी अस्पतालों में अग्नि सुरक्षा के पुख्ता उपाय सुनिश्चित करने का निर्देश दिया ताकि ऐसी घटना फिर न हो। झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई (NICU) में शुक्रवार रात लगी आग में 12 बच्चों की मौत हो गई थी। प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग का भी जिम्मा संभाल रहे उपमुख्यमंत्री पाठक ने स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें अस्पतालों में नियमित सुरक्षा अभ्यास, उपकरणों की जांच और अस्पतालों में विशेषज्ञों के साथ चिकित्सा अधिकारियों द्वारा दौरा किए जाने के निर्देश दिए।

ब्रजेश पाठक ने दी चेतावनी
ब्रजेश पाठक ने किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी देते हुए कहा, “झांसी में दिल दहला देने वाली घटना दोहराई नहीं जानी चाहिए।” उन्होंने कहा, “सरकार प्रभावित परिवारों के साथ मजबूती से खड़ी है और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान कर रही है। अस्पतालों को समय-समय पर अग्नि सुरक्षा की जांच करनी चाहिए, नियमित रूप से बिजली के तारों का निरीक्षण करना चाहिए और पानी के पाइपों का उचित रखरखाव सुनिश्चित करना चाहिए।” पाठक ने कहा कि आग की आपात स्थिति के दौरान बिजली कटौती से निपटने के लिए बैटरी से चलने वाली लाइटें भी लगाई जानी चाहिए।

'कबाड़ या बेकार सामान जमा नहीं होने देना चाहिए'
उपमुख्यमंत्री ने आईटी, आईसीयू और एनआईसीयू वार्डों में आठ घंटे की शिफ्ट में अग्निशमन विभाग से प्रशिक्षित कर्मचारियों को तैनात करने का भी निर्देश दिया। पाठक ने जोर देकर कहा कि इन वार्डों में प्रवेश और निकास के लिए उचित व्यवस्था सुनिश्चित की जानी चाहिए और धुआं निकालने के लिए ‘एग्जॉस्ट फैन' भी लगाए जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि अस्पताल परिसर में किसी भी तरह का कबाड़ या बेकार सामान जमा नहीं होने देना चाहिए और सभी जिला अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और यहां तक ​​कि सामुदायिक और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय होने चाहिए। पाठक ने यह भी कहा कि सभी अस्पतालों को एक चेक लिस्ट प्रदान की गई है, जिसमें आग लगने की स्थिति में फायर अलार्म का परीक्षण करना और सूचना बोर्ड पर क्या करें और क्या न करें, यह प्रदर्शित करना अनिवार्य है।

 

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