Edited By Anil Kapoor,Updated: 10 Dec, 2025 09:59 AM

Sitapur News: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार और मंगलवार की शाम को अलग-अलग जगहों पर 9 लोगों पर कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया। घायलों में बच्चे, महिलाएं और पिता-पुत्र भी शामिल हैं। लोगों में...
Sitapur News: उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। शनिवार और मंगलवार की शाम को अलग-अलग जगहों पर 9 लोगों पर कुत्तों ने हमला कर घायल कर दिया। घायलों में बच्चे, महिलाएं और पिता-पुत्र भी शामिल हैं। लोगों में इतना डर है कि वे घरों से बाहर निकलने से भी कतराने लगे हैं। घटना महमूदाबाद तहसील क्षेत्र की है, जहां पिछले कुछ दिनों से कुत्तों का झुंड लगातार लोगों पर हमला कर रहा है। शनिवार शाम हुए हमलों में घायल सभी लोगों को स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने गंभीर हालत देखते हुए सात घायलों को लखनऊ रेफर कर दिया।
कैसे हुआ हमला? CCTV में कैद हुई पूरी वारदात
मंगलवार शाम की घटना बाजार में लगे एक CCTV कैमरे में रिकॉर्ड हो गई। वीडियो में देखा जा सकता है— दो कुत्ते आपस में भौंक रहे थे, तभी एक महिला अपने बच्चे को गोद में उठाकर उनसे बचने की कोशिश करती दिखती है। उसी दौरान उधर से गुजर रहे एक युवक पर अचानक कुत्ते ने हमला कर दिया। कुत्ते ने उसके पैर को दांतों से पकड़ लिया, जिससे युवक गिर पड़ा। मौके पर मौजूद लोग दौड़े तो कुत्ता पलटकर उन पर भी झपट पड़ा। मदद करने पहुंचे एक अन्य युवक को भी कुत्ते ने काट लिया। इस हमले में कुल 9 लोग घायल हुए, जिनमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है।
कौन-कौन हुए घायल?
हमले में घायल लोगों में ये शामिल हैं—
उत्कर्ष वर्मा – डी.फार्मा की परीक्षा देकर घर लौट रहे थे, तभी सड़क पर कुत्तों ने कई जगह काटा
मकसूद – रामपुर मथुरा मार्ग पर टैंपो स्टैंड के पास हमला
श्रवण (ऑटो चालक) – सब्जी लेते समय कुत्तों ने हाथ-पैर पर काट लिया
सुमन (बघाइन निवासी) – बैंक से पति के साथ लौटते वक्त हमला
मुन्नी, हनीफ, शिवा और उसके पिता राजेश – घर के बाहर कुत्तों ने नोचा
हैप्पी – सड़क पार करते समय कुत्तों का शिकार बने
इन सभी को घायल अवस्था में अस्पताल ले जाया गया।
लोगों में दहशत, अधिकारी बताएं 'संसाधन कम'—कोई कार्रवाई नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि आवारा कुत्ते लगातार झुंड बनाकर घूम रहे हैं और खतरा हर दिन बढ़ता जा रहा है। लेकिन इसके बावजूद न तो पालिका प्रशासन कोई ठोस कदम उठा रहा है और न ही तहसील प्रशासन। अधिकारियों की ओर से सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है, मगर जमीनी कार्रवाई शून्य है।
लोगों में सवाल उठ रहे हैं—
- कुत्तों को पकड़ने के लिए टीम क्यों नहीं लगाई जा रही?
- बार-बार घटनाएं होने के बाद भी प्रशासन निष्क्रिय क्यों है?
- संसाधनों की कमी का रोना कब तक रोया जाएगा?
- अधिकारियों की लापरवाही के कारण लोग अब डर और आतंक के माहौल में जीने को मजबूर हैं।
स्थानीयों की मांग—कुत्तों को तुरंत पकड़कर की जाए कार्रवाई
घटनाओं से नाराज क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि शहर में घूम रहे आवारा कुत्तों को तुरंत पकड़ा जाए। अस्पतालों में एंटी-रेबीज वैक्सीन की पर्याप्त व्यवस्था की जाए। मोहल्लों में चौकसी बढ़ाई जाए।
प्रशासन की लापरवाही पर कार्रवाई हो
लोगों का कहना है कि अगर समय रहते उपाय नहीं किए गए, तो किसी बड़े हादसे का इंतजार करना पड़ेगा।