Edited By Ramkesh,Updated: 02 Dec, 2025 01:05 PM

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार में लगातार कार्रवाई का दौर जारी है। मुख्य सरगना शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह सहित अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आज उत्तर...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार में लगातार कार्रवाई का दौर जारी है। मुख्य सरगना शुभम जायसवाल का पिता भोला प्रसाद, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह सहित अब तक तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आज उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह गिरफ्तार कर दिया है। आरोपी की गिरफ्तारी लखनऊ से एसटीएफ ने की है। मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी कोर्ट में सरेंडर की अर्जी डालने की फिराक में था। हालांकि इसके पहले ही एसटीएफ ने उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी आलोक सिंह के खिलाफ एसटीएफ ने लुक आउट सर्कुलर जारी किया था जिससे आरोपी विदेश न भाग सके फिलहाल अब उसकी गिरफ्तारी कर ली गई है।
आप को बता दें कि मुख्य सरगना शुभम जायसवाल, उसके पिता भोला प्रसाद सहित 28 अन्य दवा कारोबारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। अधिकारियों के मुताबिक, गिरोह ने लाखों फर्जी बिल तैयार कर 89 लाख शीशियों की खरीद-बिक्री दिखाई, जिसकी अनुमानित कीमत 100 करोड़ रुपये से अधिक है।
यूपी सहित कई राज्यों में फैला है तस्करों का कारोबार
अधिकारियों ने बताया कि यह रैकेट न सिर्फ वाराणसी बल्कि कई राज्यों में सक्रिय था। जांच में सामने आया कि काशी के 93 मेडिकल स्टोरों के नाम पर 84 लाख शीशियों की लेन-देन दिखाया गया, जबकि इनमें से अधिकांश स्टोर मौके पर मौजूद ही नहीं थे। टीम ने पाया कि इन फर्मों का इस्तेमाल सिर्फ कफ सिरप के अवैध कारोबार को वैध दिखाने के लिए किया जाता था।
विशेष अभियान चला कर की गई छापेमारी
आयुक्त रोशन जैकब के निर्देश पर 12–14 नवंबर तक चलाए गए विशेष अभियान में टीमों ने रांची स्थित मेसर्स शैली ट्रेडर्स और वाराणसी के न्यू बुद्धि फार्मा सहित कई फर्मों की गहन जांच की। जांच में यह भी सामने आया कि शुभम जायसवाल एक ही अवधि में दोनों कंपनियों से जुड़ा हुआ था, जो औषधि नियमों का सीधा उल्लंघन है।
2 करोड़ की कोडीन युक्त कफ सिरप बरामद
जांच के दौरान अब वाराणसी में एक जिम के नीचे स्थित गोदाम से करीब 2 करोड़ रुपये की कोडीन आधारित कफ सिरप बरामद हुई है। पेंट की बाल्टियों के भीतर रखी इन बोतलों का सुराग भी सीधे शुभम जायसवाल से जुड़ रहा है। डीसीपी वरुणा जोन प्रमोद कुमार ने बताया कि बरामद सिरप और पैटर्न की बारीकी से जांच की जा रही है।
बांग्लादेश में 8–10 गुना कीमत पर बिकती थी बोतले
सूत्रों के अनुसार, तस्करी का अंतिम ठिकाना बांग्लादेशी था। पश्चिम बंगाल बॉर्डर तक खेप पहुंचाने के बाद, छोटे कैरियर साइकिल आदि माध्यमों से इसे सीमा पार कराते थे। बांग्लादेश में इसकी कीमत भारत की तुलना में 8 से 10 गुना अधिक मिलती थी। इसी गैरकानूनी कारोबार ने शुभम को महज तीन वर्षों में करोड़ों की अवैध संपत्ति का मालिक बना दिया।
कैसे चल रहा था नेटवर्क?
फर्जी GST और लाइसेंस नंबरों के जरिए अवैध बिलिंग की गई। बंद फर्मों के नाम पर भारी मात्रा में सिरप बेचा गया। बताया जा रहा है कि ये सीरफ नशे के रूप में उपयोग होने के लिए विभिन्न शहरों में भेजा गया। कुछ प्रोपराइटर असल में दवा व्यवसाय से जुड़े भी नहीं थे। अधिकारियों ने बताया कि नौ फर्में तो पूरी तरह बंद थीं, लेकिन उन्हीं के नाम पर लाखों की बिलिंग मिलती रही। इनमें श्री बालाजी मेडिकल, डीएमए फार्मा, सृष्टि फार्मा और निशांत फार्मा शामिल हैं।
गिरोह का मास्टरमाइंड चल रहा है फरार
गिरोह का मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल फिलहाल विदेश भाग चुका है और गाजियाबाद पुलिस उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दी है। हालांकि इस मामले में अब तक तीन गिरफ्तारी हो चुकी है। अन्य की तलाश में यूपी पुलिस, एसटीएफ आरोपियों के संदिग्ध ठिकानों पर छापे मारी का रही है। पुलिस की कार्रवाई से कफ सिरप तस्करी करने वाले आरोपियों में हड़कंप मचा हुआ है।