ISI के लिए जासूसी करना पड़ा मंहगा, ATS की विशेष कोर्ट ने आरोपी को सुनायी सजा

Edited By Ajay kumar,Updated: 03 Jul, 2022 09:12 PM

spying was expensive for isi special court of ats sentenced the accused

उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंक निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष न्यायालय ने पैसे के बदले सेना की महत्त्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने के आरोपी आफताब अली को दोषी ठहराते हुए पांच साल तीन माह के कारावास और 4800 रुपये के...

लखनऊः उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंक निरोधक दस्ते (एटीएस) की विशेष न्यायालय ने पैसे के बदले सेना की महत्त्वपूर्ण जानकारियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को लीक करने के आरोपी आफताब अली को दोषी ठहराते हुए पांच साल तीन माह के कारावास और 4800 रुपये के अर्थदंड की सजा सुनायी है।        

एटीएस की ओर से रविवार को जारी बयान के अनुसार फैजाबाद के रहने वाले आफताब को सेना का मूवमेंट, बटालियनों की नियुक्ति आदि सूचनाएं पाकिस्तान स्थित आईएसआई के हैंडलर को भेजने के आरोप में वर्ष 2017 में पकड़ा गया था। जांच में पाया गया कि इस तरह के लोगों को, जिनकी रिश्तेदारिया पाकिस्तान में हैं, उन्हें अपने साथ मिलाने का प्रयास आईएसआई के लोग करते हैं व इनसे जासूसी करवाते है। इसके बदले इन्हें भारी धनराशि व इनकी शादी कराने का भी लालच दिया जा रहा है।        

इस सूचना को पुष्ट करने के उपरान्त एटीएस की टीम ने तीन मार्च 2017 को फैजाबाद निवासी आफताब अली को गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ धोखाधड़ी, आपराधिक षडयंत्र सहित भारतीय दंड संहिता, शासकीय गोपनीयता अधिनियम एवं विधि विरुद्ध क्रिया कलाप अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत लखनऊ स्थित एटीएस थाने में मामला दर्ज किया गया था।

जांच में पता चला कि आफताब का संपकर् नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी मेहरबान अली से था। उल्लेखनीय है की मेहरबान अली को जासूसी के आरोप में पाकिस्तान वापस भेज दिए गया था। आफताब के खाते में हवाला कारोबारी के माध्यम के पैसे जमा कराए गए थे। आफताब नौ मई 2016 को अटारी बाडर्र से कराची (पाकिस्तान) गया तथा अगले महीने 28 जून को वापस भारत आकर दिल्ली स्थित पाकिस्तान के उच्चायोग के लगातार सम्पकर् में रहा।      

आफताब फोन पर फैजाबाद व लखनऊ में सेना की मूवमेण्ट, बटालियनों की नियुक्ति, ट्रेन द्वारा जा रहे सेना के रेजिमेण्ट के जाने का समय, अमृतसर में सेना के पलटन की संख्या एवं राज्य सुरक्षा हितों के विरूद्ध सूचनाओं को कूट भाषा में देता था। उसे उक्त सैन्य सूचनाओं को व्हाट्सएप तथा ईमेल द्वारा प्रेषित किये जाने के निर्देश थे। एटीएस की गुणवत्तापूर्ण विवेचना के आधार पर आरोपी अफताब अली ने अपना अपराध एनआईए एटीएस की विशेष न्यायालय के समक्ष स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने अफताब को दोषी करार देते हुए विभिन्न धाराओं में अलग अलग सजा सुनाते हुए कुल 5 वर्ष, 3 माह के कारावास एवं 4800 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया है। 

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