मेरठ में दिखी इंसानियत की मिसाल, रिटायर्ड बुजुर्ग ने सड़क पर रह रहे लोगों को अपनी पेंशन के पैसे देकर की मदद

Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 May, 2020 03:05 PM

retired elders help people living on the street by giving them pension money

कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब देश मे 3.0 लॉकडाउन लागू कर दिया है। ऐसे में लोगों के सामने रोजगार से लेकर गुजर-बसर करने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे माहौल में जिस...

मेरठ: कोरोना वायरस जैसी खतरनाक महामारी से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन जारी किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब देश मे 3.0 लॉकडाउन लागू कर दिया है। ऐसे में लोगों के सामने रोजगार से लेकर गुजर-बसर करने का संकट खड़ा हो गया है। ऐसे माहौल में जिस व्यक्ति से जैसे हो सकता है वो लोगों की मदद करने के लिए आगे आ रहा है। ऐसा ही एक नजारा यूपी के मेरठ जिले में देखने को मिला जहां एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपनी पेंशन तक जरूरतमंद लोगों को बांट दी, जिससे की वो लोग अपनी गुजर-बसर कर सकें। इतना ही नहीं जब इस बुजुर्ग से इनका नाम पूछा गया तो वो अपना नाम बताए बगैर सिर्फ जरूरतमंद लोगों की मदद करने में लगे रहे।

PunjabKesariजानकारी मुताबिक मामला मामला चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय रोड पर बनी झुग्गी झोपड़ियों से जुड़ा है, जहां एक कार झोपड़ी के बाहर आकर रुकी। कार से ड्राइवर के अलावा एक बुजुर्ग व्यक्ति नीचे उतरा और झोपड़ियों की ओर बढ़ गया। इस व्यक्ति के हाथ में एक बैग था। इसके बाद जो नजारा दिखा उसे देख सभी हैरान रह गए। उस व्यक्ति ने बैग से रुपए निकाले और वहां हर झोपड़ी में रहने वाले व्यक्ति को बांटने शुरू किए । काफी देर यहां रहने वाले लोग भी कुछ समझ नहीं पाए,लेकिन दूसरे ही पल उस व्यक्ति ने कहा कि संकट का समय है। यह पैसे उनके बहुत काम आएंगे। इसके बाद उस व्यक्ति ने धीरे-धीरे सभी झोपड़ियों में रुपए बांट दिए और आगे बढ़ गए । काफी देर लोग उस व्यक्ति के बारे में बात करते रहे । ऐसा लगा जैसे कोई फरिश्ता आया और उनके चेहरे पर मुस्कान देकर लौट गया।

PunjabKesariबताया जा रहा है कि कार से उतरा व्यक्ति बेहद बुजुर्ग था। कुछ लोगों ने उनसे उनका नाम और पता जानने का प्रयास किया तो वह टाल गए। वह हसकर बोले भाई आप मेरा नाम जानकर क्या करोगे? मैं इस शहर का ही रहने वाला हूं । रिटायरमेंट के बाद मेरी पेंशन आती है, जिसको मैं खर्च नहीं कर पाता। अखबारों में खबर पढ़कर वह अपनी पेंशन से इन गरीब परिवारों की मदद करने निकले हैं । यह सुनकर वहां खड़े लोगों की आंखें भर आई। सभी ने बुजुर्ग को धन्यवाद दिया। इसके बाद वह अपनी कार में बैठकर वहां से चले गए।

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