Edited By Mamta Yadav,Updated: 21 Jul, 2025 03:10 PM

उत्तर प्रदेश के जनपद पुलिस ने 2 ऐसे सातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो की व्हाट्सएप ग्रुप चलाकर उसके माध्यम से एआरटीओ और खनन अधिकारी की लोकेशन आउट करने का काम करते थे। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किया है जिसके माध्यम...
Shamli News, (पंकज मलिक): उत्तर प्रदेश के जनपद पुलिस ने 2 ऐसे सातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जो की व्हाट्सएप ग्रुप चलाकर उसके माध्यम से एआरटीओ और खनन अधिकारी की लोकेशन आउट करने का काम करते थे। पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों के पास से मोबाइल फोन भी बरामद किया है जिसके माध्यम से यह लोकेशन आउट करते थे।
मामला जनपद शामली का है जहां पर कोतवाली पुलिस,सर्विलांस की टीम और एसओजी टीम ने संयुक्त कार्यवाही करते हुए व्हाट्सएप ग्रुप चलाकर एआरटीओ एवं खनन अधिकारी की लोकेशन आउट करने वाले दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है जिनके पास से पुलिस ने एक मोबाइल फोन भी बरामद किया है। यह शातिर अपराधी व्हाट्सएप ग्रुप चलाकर उसके माध्यम से एआरटीओ व खनन अधिकारी की लोकेशन आउट करते थे। जिन्होंने व्हाट्सएप ग्रुप पर बादशाह रोड लाइन नाम से एक ग्रुप बनाया हुआ था जिसमें हरियाणा राज्य, शामली,सहारनपुर एवं अन्य जनपदों के कुल 54 व्यक्ति जुड़े हुए थे जिन्हें यह शातिर अपराधी दोनों अधिकारियों की लोकेशन आउट करते थे और ग्रुप के लोग अपने ओवरलोड वाहनों को चालान से बचाने के लिए उन्हें पास किया करते थे। दोनों शातिर अपराधी अधिकारियों की लोकेशन आउट करने की एवज़ में ट्रक मालिकों से प्रति गाड़ी के हिसाब से महीने में रुपए भी वसूलते थे। पकड़े गए शातिर अपराधियों में समूह और आरिफ है जो कि गांव केरटू थाना झींझाना जनपद शामली के रहने वाले हैं।
यह कोई पहला मामला नहीं है कि जब किसी अधिकारी की लोकेशन आउट करने की बात सामने आई हो इससे पहले भी जनपद शामली में एआरटीओ शामली की गाड़ी पर जीपीएस लगाकर उनकी लोकेशन आउट करने का मामला सामने आ चुका है। जिसमें पहले भी कई अपराधी जेल जा चुके हैं लेकिन बावजूद उसके यह शातिर अपराधी धड़ल्ले से व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर अधिकारियों की लोकेशन आउट कर रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर अधिकारी अपने आप को कैसे ऐसे लोगों से सुरक्षित करें ताकि उनकी लोकेशन आउट ना हो सके।
एसपी शामली रामसेवक गौतम ने जानकारी देते हुए बताया कि पकड़े गए दोनों शातिर अपराधी है और यह दोनों एक व्हाट्सएप ग्रुप चलाते थे उसी के माध्यम से खनन अधिकारी और एआरटीओ शामली की लोकेशन आउट करते थे और जिन लोगों को यह लोकेशन आउट करते थे उनसे इसकी एवज़ में रुपए भी वसूलते थे।