यूपी में स्कूल मर्जर को हरी झंडी, कोर्ट ने कहा- शिक्षा में सुधार के लिए ये कदम जरूरी

Edited By Ramkesh,Updated: 07 Jul, 2025 03:31 PM

green signal to school merger in up court said

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 5000 से अधिक सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने वैध ठहराया है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सोमवार, 7 जुलाई 2025 को फैसला सुनाते हुए इस संबंध में दाखिल याचिका को...

प्रयागराज: उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के 5000 से अधिक सरकारी स्कूलों को मर्ज करने के फैसले को इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने वैध ठहराया है। न्यायमूर्ति पंकज भाटिया की एकल पीठ ने सोमवार, 7 जुलाई 2025 को फैसला सुनाते हुए इस संबंध में दाखिल याचिका को खारिज कर दिया।

बेसिक शिक्षा विभाग ने 16 जून 2025 को एक आदेश जारी कर राज्य के उन स्कूलों को, जहां छात्रों की संख्या बहुत कम है, निकटवर्ती उच्च प्राथमिक या कंपोजिट विद्यालयों में मर्ज करने का निर्देश दिया था। विभाग का कहना था कि इससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और संसाधनों का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सकेगा।

इस आदेश के खिलाफ सीतापुर की छात्रा कृष्णा कुमारी समेत 51 विद्यार्थियों ने याचिका दाखिल की थी। याचियों की ओर से यह दलील दी गई कि स्कूलों का यह मर्जर मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा कानून (RTE Act) का उल्लंघन है और इससे छोटे बच्चों को दूर स्थित स्कूलों तक पहुंचने में परेशानी होगी। साथ ही, यह कदम शिक्षा में असमानता और बाधा उत्पन्न करेगा।

4 जुलाई को हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया था, जिसे अब सुनाया गया है। कोर्ट ने सरकार के तर्कों से सहमति जताते हुए कहा कि यह निर्णय बच्चों के दीर्घकालिक हित में है और इससे शिक्षा प्रणाली को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।


 

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