ट्रक में बना रखा था 'सीक्रेट' तहखाना! पुलिस ने खोला तो उड़ गए होश, अंदर छुपा था बड़ा राज

Edited By Anil Kapoor,Updated: 20 Jul, 2025 09:37 AM

there was a  secret  cellar in the truck when police opened it they shocked

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पुलिस ने एक ट्रक की तलाशी के दौरान शराब की बड़ी खेप पकड़ी है, जो शातिर तरीके से ट्रक के अंदर छिपाई गई थी। ये शराब पंजाब से बिहार ले जाई जा रही थी, जबकि बिहार एक...

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जहां पुलिस ने एक ट्रक की तलाशी के दौरान शराब की बड़ी खेप पकड़ी है, जो शातिर तरीके से ट्रक के अंदर छिपाई गई थी। ये शराब पंजाब से बिहार ले जाई जा रही थी, जबकि बिहार एक ड्राई स्टेट है जहां शराब पर पूरी तरह से बैन है।

कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस को सूचना मिली थी कि एक ट्रक में अवैध शराब जा रही है। इसी जानकारी के आधार पर गोसाईगंज थाना पुलिस ने कबीरपुर इलाके में वाहनों की चेकिंग शुरू की। चेकिंग के दौरान एक ट्रक को रोका गया, जिसमें 2 लोग मौजूद थे — ड्राइवर दिनेश परमार और क्लीनर जगदीश, दोनों उज्जैन (मध्य प्रदेश) के रहने वाले हैं।

पाइप के नीचे छिपाई गई थी शराब
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने कहा कि ट्रक में सिर्फ लोहे के पाइप लदे हैं और उन्होंने इसका बिल भी दिखाया। बिल दिल्ली की एक कंपनी से जारी था और असम की एक फर्म के नाम पर था। मगर, जब पुलिस ने ट्रक की गहराई से तलाशी ली, तो सभी हैरान रह गए — पाइप के नीचे बने एक गुप्त तहखाने में हजारों बोतल शराब छिपाई गई थी।

जब्त की गई शराब और गिरफ्तारियां
पुलिस ने ट्रक से कुल 14,484 बोतल शराब जब्त की है। इस शराब की कुल कीमत करीब 1 करोड़ रुपए बताई जा रही है। इसके साथ ही पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

कहां से आई थी शराब, और कहां जा रही थी?
शराब हिमाचल प्रदेश में बनाई गई थी, लेकिन उसकी बिक्री सिर्फ चंडीगढ़ में वैध थी। इसे पंजाब से ट्रक में भरकर लखनऊ होते हुए बिहार ले जाया जा रहा था। ट्रक चंडीगढ़ से अंबाला, हाथरस, आगरा एक्सप्रेसवे होते हुए लखनऊ पहुंचा था। आगे की योजना थी कि इसे पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के रास्ते बिहार ले जाया जाए।

ट्रक कैसे पहुंचा तस्करों के हाथ?
जांच में पता चला कि ट्रक लखनऊ के एक व्यक्ति से रेंट एग्रीमेंट के जरिए लिया गया था और फिर उसे कब्जे में ले लिया गया। ट्रक पर फर्जी नंबर प्लेट और जाली आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) भी लगाई गई थी, ताकि पहचान ना हो सके।

तस्करों की हाईटेक प्लानिंग
आरोपियों ने बताया कि वे ‘सिग्नल’ ऐप के जरिए माल भेजने और खरीदने वालों से संपर्क में रहते हैं। इस ऐप का इस्तेमाल इसलिए करते हैं क्योंकि इसकी चैटिंग सुरक्षित होती है और आसानी से ट्रैक नहीं होती।

क्यों हो रही है बिहार में तस्करी?
बिहार में शराबबंदी के चलते वहां इसकी भारी डिमांड है। आरोपी बताते हैं कि बिहार में शराब की कीमतें तीन गुना ज्यादा मिलती हैं। यही वजह है कि अवैध तरीके से शराब भेजने का खतरा उठाया जाता है।

पुलिस की बड़ी सफलता
लखनऊ पुलिस की इस कार्रवाई ने ना सिर्फ शराब तस्करों की बड़ी कोशिश को नाकाम किया है, बल्कि बिहार में पहुंचने वाली एक करोड़ रुपए की अवैध शराब को भी रोका है। मामले की जांच आगे भी जारी है और पुलिस इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है।

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