Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 Mar, 2023 11:35 PM
जौहर यूनीवर्सिटी (Jauhar University) में शत्रु संपत्ति (Enemy property) पर कब्जे के एक मामले में शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन (former chairman) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) उर्फ जितेंद्र त्यागी (Jitendra Tyagi) शुक्रवार को रामपुर...
रामपुर: जौहर यूनीवर्सिटी (Jauhar University) में शत्रु संपत्ति (Enemy property) पर कब्जे के एक मामले में शिया वक्फ बोर्ड (Shia Waqf Board) के पूर्व चेयरमैन (former chairman) वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) उर्फ जितेंद्र त्यागी (Jitendra Tyagi) शुक्रवार को रामपुर की अदालत (Rampur Court) में पेश हुये। तारीखों पर न आने के कारण कोर्ट ने इस मामले में कई आरोपितों के जमानती वारंट जारी किए थे, जिसमें उनका नाम भी शामिल था। कोर्ट ने उनके वारंट वापस कर लिए हैं। बाकी के दोबारा जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। अदालत अब इस मामले में 31 मार्च को सुनवाई करेगी।
आजम खां से मिलने के सवाल पर बोले रिजवी
बता दें कि वसीम रिजवी अपने अधिवक्ता विनीत चौधरी के साथ कोर्ट पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया ने उनसे बात करने का प्रयास किया। उन्होंने हिंदू नव वर्ष और नवरात्र की बधाई दी तो रमजान के बारे में पूछने पर कहा कि जो रमजान मना रहे, उनको भी मुबारक। इसके साथ ही आजम खां से मिलने के सवाल पर वह हाथ जोड़कर मुस्कराते हुए चले गए।
शत्रु संपत्ति मामले में जारी हुए थे वारंट
शत्रु संपत्ति का मामला जौहर यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। वर्ष 2019 में आजम खां के खिलाफ ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज हुए थे। इनमें शत्रु संपत्ति कब्जाने का मामला अजीमनगर थाने में दर्ज हुआ था। इसमें शत्रु संपत्ति को जौहर यूनिवर्सिटी में मिलाने का आरोप है। घटना के समय वसीम रिजवी शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष थे। बाद में उन्होंने मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपना लिया था। साथ ही बोर्ड और मुतवल्ली के सभी पदों से इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपना नाम जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी रख लिया था।
गौतचलब है कि शत्रु संपत्ति मामले में आजम खां के अलावा वह भी नामजद हैं। इस मामले की सुनवाई एमपीए-एमएल स्पेशल कोर्ट (मजिस्ट्रेट ट्रायल) में चल रही है। वह इस मामले में जमानत करा चुके थे, लेकिन पिछले कई बार से तारीखों पर नहीं आ रहे थे। अभियोजन अधिकारी अमरनाथ तिवारी ने बताया कि अदालत ने वसीम रिजवी समेत सपा विधायक नसीर अहमद खां, जिला सहकारी बैंक के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम, मुश्ताक अहमद सिद्दीकी, आदि के जमानती वारंट जारी किए थे।