अगड़ा, पिछड़ा और अनुसूचित सब में समाए हुए हैं मोदी : केशव प्रसाद मौर्य

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Jan, 2022 07:38 PM

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लखनऊ, 23 जनवरी (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि अगड़ी जातियों, पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों की त्रिवेणी मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अंदर समाई है और मोदी जी इन लोगों के अंदर समाए हैं,...

लखनऊ, 23 जनवरी (भाषा) उत्‍तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने रविवार को कहा कि अगड़ी जातियों, पिछड़ी जातियों और अनुसूचित जातियों की त्रिवेणी मोदी जी (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) के अंदर समाई है और मोदी जी इन लोगों के अंदर समाए हैं, इसलिए उत्‍तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भारी बहुमत से जीत सुनिश्चित है।
उपमुख्‍यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने 'पीटीआई-भाषा' को दिए गए साक्षात्कार में यह दावा किया। पिछड़ी जाति के उत्तर प्रदेश सरकार के तीन मंत्रियों के भाजपा छोड़कर सपा में जाने का हवाला देते हुए मौर्य से जब पूछा गया कि यह धारणा है कि भाजपा को पिछड़ों का समर्थन तब मिला जब वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाकर चुनाव लड़ा गया, लेकिन अब योगी जी (मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ) चेहरा बन गये हैं तो भाजपा के पक्ष में चुनाव परिणाम कैसा रहेगा। इसके जवाब में मौर्य ने कहा, '' भाजपा के जो सर्वोच्‍च नेता हैं नरेंद्र मोदी जी, वह भारत ही नहीं पूरी दुनिया में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं, सारे देश का, उत्‍तर प्रदेश का जो वोटर है, मैं कहता हूं कि अगड़ा, पिछड़ा, अनुसूचित की त्रिवेणी मोदी जी के अंदर समाई है और मोदी जी इन लोगों के अंदर समाए हैं।'' उत्तर प्रदेश के चुनाव में विरोधियों की किसी भी चुनौती को खारिज करते हुए मौर्य ने कहा कि वर्ष 2019 के संसदीय चुनाव के दौरान भी इसी तरह के दावे किए गए थे, लेकिन जब नतीजे आए तो यह 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया' जैसी स्थिति थी। मौर्य ने यह भी दावा किया कि 10 मार्च के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा के अलावा अन्य तथाकथित भाजपा विरोधियों को नहीं देखा जाएगा। उत्‍तर प्रदेश सरकार के मंत्री पद से इस्तीफा देने वाले मंत्रियों स्वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान और धर्म सिंह सैनी पर कटाक्ष करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी मतदाता उनके साथ नहीं गया है।
राज्‍य में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख पिछड़ा चेहरा केशव मौर्य ने कहा कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उत्तर प्रदेश की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीती थीं और तब ये लोग (स्‍वामी प्रसाद मौर्य, दारा सिंह चौहान व धर्म सिंह सैनी) भाजपा के साथ नहीं थे। साल 2014 की ऐतिहासिक जीत वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भी दोहराई गई।
स्वामी प्रसाद मौर्य, चौहान और सैनी बसपा छोड़कर वर्ष 2017 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा में शामिल हुए थे और इस बार चुनाव से पहले सपा में शामिल हो गए। मौर्य ने कहा कि किसी के पार्टी में शामिल होने या पार्टी छोड़ने से शायद ही कोई फर्क पड़ता है, क्योंकि बूथ स्तर पर भाजपा बहुत मजबूत पार्टी है और मुझे नहीं लगता कि कोई मतदाता उनके साथ गया है। उन्‍होंने तंज कसते हुए कहा कि वे लोग अपने निहित स्वार्थ के लिए दल छोड़कर गये हैं न कि किसी विचारधारा के लिए। केंद्र और राज्‍य सरकार की उपलब्धियां गिनाते हुए उपमुख्‍यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन वाली सरकार ने लोगों के लिए बहुत काम किया है, कानून-व्यवस्था में सुधार हुआ है और चौतरफा विकास कार्य हुए हैं। उन्‍होंने कहा कि विपक्षी दलों के एकसाथ होने की स्थिति में भी भाजपा मजबूत बनी हुई है, मजबूत है और मजबूत रहेगी। केशव प्रसाद मौर्य कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से पार्टी के उम्मीदवार हैं और उन्हें 2017 में भाजपा से चुनाव जीते शीतला प्रसाद की जगह पार्टी ने टिकट दिया है। शीतला प्रसाद उत्साह के साथ मौर्य के समर्थन में प्रचार कर रहे हैं।
उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव इसका जीता जागता उदाहरण है कि जब सपा, बसपा और रालोद एक साथ मिलकर लड़े, लेकिन इसके बाद भी भाजपा गठबंधन ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा की 80 में 64 सीटें जीतीं और 51 फीसदी वोट हासिल किया। यह पूछे जाने पर कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा कौन है --- नरेंद्र मोदी या योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी पूरे देश में भाजपा का चेहरा रहे हैं और लोग लगातार उन पर भरोसा करने वाली भाजपा पर अपना आशीर्वाद बरसा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री ने कहा, "मुख्यमंत्री आमतौर पर राज्य में पार्टी का चेहरा होते हैं और भाजपा किसी एक राज्य की पार्टी नहीं है कि वह सपा, बसपा या कांग्रेस की तरह वहीं सिमट कर रहेगी। मौर्य ने कहा कि भाजपा के लिए चेहरा कभी कोई मुद्दा नहीं रहा। हम डबल इंजन वाली सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों पर जीत हासिल करेंगे।" समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के यह दावा करने पर कि उनका इंद्रधनुष गठबंधन हर गुजरते दिन के साथ मजबूत होता जा रहा है, मौर्य ने मजाक में कहा, "इसी तरह के दावे साल 2019 के लोकसभा चुनाव में किए गए थे और अखिलेश ने दावों का पहाड़ बनाया था, लेकिन जब परिणाम आया तो वह 'खोदा पहाड़, निकली चुहिया' जैसा था, उनके दावों में कोई दम नहीं है।" अखिलेश पर अपने हमले को जारी रखते हुए मौर्य ने कहा कि जहां तक अखिलेश के सपने में भगवान कृष्ण के प्रकट होने का सवाल है, तो अगर भगवान कृष्ण उनके सपनों में आए होंगे तो मुझे लगता है कि उन्होंने उन्हें 2022 में प्रयास करना बंद करने और वर्ष 2027 की तैयारी करने के लिए कहा होगा।
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव के भाजपा में शामिल होने पर मौर्य ने कहा कि भाजपा में शामिल होने से पहले भी अपर्णा का दृष्टिकोण विभिन्न मुद्दों पर भाजपा के दृष्टिकोण से काफी मिलता-जुलता था। यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा चुनाव में विजयी होने के लिए भगवान कृष्ण और भगवान राम पर भरोसा कर रही है? मौर्य ने कहा कि भाजपा ने कभी मंदिर और चुनाव को एक साथ नहीं जोड़ा। भाजपा के लिए प्रमुख धार्मिक स्थल जो हैं वो आस्था का केंद्र हैं, वो चुनाव के मुद्दे नहीं हैं। मौर्य ने 300 से अधिक सीटें जीतने का दावा करते हुए अखिलेश यादव की पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने के वादे को खारिज कर दिया। मौर्य ने कहा कि यह केवल एक लॉलीपॉप है।

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