ये अस्पताल हैं या मौत के अड्डे? SRN अस्पताल से ज्यादा मुर्दाघर...  प्रयागराज की हालत देख इलाहाबाद हाईकोर्ट का फूटा गुस्सा

Edited By Anil Kapoor,Updated: 25 May, 2025 07:32 AM

prayagraj in clutches of medical mafia more morgues than srn hospital

Prayagraj News: संगम नगरी स्थित स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल की दयनीय हालत को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि एसआरएन को मौजूदा समय में अस्पताल से कहीं अधिक मुर्दाघर कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने शुक्रवार...

Prayagraj News: संगम नगरी स्थित स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) अस्पताल की दयनीय हालत को गंभीरता से लेते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा कि एसआरएन को मौजूदा समय में अस्पताल से कहीं अधिक मुर्दाघर कहा जा सकता है। न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने शुक्रवार को अपने आदेश में कहा कि प्रयागराज, मेडिकल माफियाओं के चंगुल में है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसआरएन अस्पताल दयनीय हालत में है। गरीब और असहाय मरीजों को दलालों द्वारा निजी अस्पतालों में घसीटा जा रहा है और उनका इस मेडिकल कॉलेज के अस्पताल में इलाज नहीं किया जा रहा

SRN अस्पताल में डॉक्टर गायब, सुविधाएं लचर
मिली जानकारी के मुताबिक, अदालत ने कहा कि सरकारी मेडिकल व्यवस्था को शहर के निजी मेडिकल माफियाओं से भयंकर खतरा है। अदालत ने 2 न्याय मित्रों द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट को गंभीरता से लेते हुए यह टिप्पणी की। इन न्याय मित्रों ने एसआरएन अस्पताल का निरीक्षण किया और अस्पताल में सुविधाओं की कमी और बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) में डाक्टरों की अनुपस्थिति को रेखांकित करते हुए अपनी रिपोर्ट अदालत को सौंपी। अदालत ने एसआरएन की स्थिति में सुधार लाने के लिए कुछ निर्देश जारी किए और साथ ही प्रदेश के प्रमुख सचिव को इस आदेश से राज्य सरकार को अवगत कराने और इसे मुख्य सचिव तथा जरूरत पड़ने पर मुख्यमंत्री के समक्ष रखने का निर्देश दिया।

SRN अस्पताल बना मेडिकल माफियाओं का अड्डा, HC ने जताई साठगांठ की आशंका
अदालत ने कहा कि प्रयागराज में हाल ही में महाकुंभ हुआ और एसआरएन अस्पताल मेला क्षेत्र से महज एक किलोमीटर की दूरी पर है। सरकार के अनुमान के मुताबिक करीब 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। भगवान की कृपा से कोई अप्रिय घटना नहीं हुई, अन्यथा मरीजों के इलाज के लिए कोई चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं थी। अदालत ने कहा कि प्रथम दृष्टया इस अदालत को यह देखने में आया है कि निजी मेडिकल माफियाओं और एसआरएन अस्पताल के चिकित्सा अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच साठगांठ है जिससे इस अस्पताल का ढांचा और कार्य स्थिति पंगु हो गई है।

जनप्रतिनिधियों पर HC की फटकार, निजी प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों पर निगरानी का आदेश
बताया जा रहा है कि अदालत ने प्रयागराज के जनप्रतिनिधियों को भी यह कहते हुए फटकार लगाई कि वे यहां के नागरिकों के कल्याण में कोई रुचि नहीं ले रहे हैं। न्यायाधीश ने कहा कि उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल में प्रयागराज से मंत्री हैं, लेकिन उन्होंने इस अस्पताल की बिगड़ती हालत पर कोई ध्यान नहीं दिया है। अदालत ने जिला मजिस्ट्रेट को अधिकारियों की एक टीम गठित करने का भी निर्देश दिया जो इस मेडिकल कॉलेज के उन प्रोफेसर, सहायक प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, रीडर और प्रवक्ता पर नजर रखेंगे जो निजी प्रैक्टिस में संलिप्त हैं। अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तिथि 29 मई तय की।

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