UP: कोट की जेब में समा जाने वाली संविधान के प्रति लोगों की दिलचस्पी बढ़ी

Edited By Ramkesh,Updated: 16 Jun, 2024 02:14 PM

people s interest in the constitution which can be put in the coat

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 20 सेंटीमीटर लंबी और नौ सेंटीमीटर चौड़ी चमड़े की जिल्‍द वाली संविधान की जिस 'पुस्तक' को बार-बार जनता को दिखाया उसका लखनऊ से गहरा संबंध है। लखनऊ की ईस्टर्न बुक कंपनी...

लखनऊ: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान लगभग 20 सेंटीमीटर लंबी और नौ सेंटीमीटर चौड़ी चमड़े की जिल्‍द वाली संविधान की जिस 'पुस्तक' को बार-बार जनता को दिखाया उसका लखनऊ से गहरा संबंध है। लखनऊ की ईस्टर्न बुक कंपनी (ईबीसी) ने संविधान की इस पुस्तक को पहली बार 2009 में प्रकाशित किया था और उसका कहा है कि कोट की जेब में समा जाने वाली संविधान की इस छोटी पुस्तक की ओर लोग दिलचस्पी ले रहे हैं। राहुल गांधी ने प्रचार के दौरान कई बार इस छोटी सी पुस्तक को लोगों को दिखाते हुए उनके समक्ष अपनी बात रखी थी। ईस्टर्न बुक कंपनी के निदेशकों में से एक सुमित मलिक ने बताया कि कोट की जेब में समा जानी वाली संविधान की इस छोटी सी पुस्तक को प्रकाशित करने का विचार वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायणन ने दिया। मलिक ने कहा कि अधिवक्ता ने सुझाव दिया था कि हमें संविधान की एक ऐसी किताब प्रकाशित करनी चाहिए, जो वकीलों के कोट की जेब में आसानी से आ जाए।

वकीलों और न्यायाधीशों के बीच लोकप्रिय हुई पुस्तक
मलिक ने कहा, ‘‘पहला संस्करण 2009 में प्रकाशित किया गया और अब तक कुल 16 संस्करण प्रकाशित हो चुके हैं। पिछले कुछ वर्षों में इन किताबों को कई वकीलों और न्यायाधीशों ने खरीदा है। जब राम नाथ कोविंद भारत के राष्ट्रपति बने थे तब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उन्हें यह पुस्तक दी थी। उन्होंने कहा कि पुस्तक को गणमान्य व्यक्तियों द्वारा एक-दूसरे को उपहार में भी दिया गया है। उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश विदेश यात्रा के दौरान अपने समकक्षों को उपहार स्वरूप भेंट करने के लिए इसकी प्रतियां अपने साथ ले जाते हैं। इस किताब के स्वरूप के बारे में मलिक ने कहा, "पुस्तक की लंबाई लगभग 20 सेंटीमीटर और चौड़ाई नौ सेंटीमीटर है। इस पुस्तक को प्रकाशित करने के लिए हम बाइबल के कागजों का उपयोग करते हैं, जो बहुत पतले होते हैं।"

राहुल गांधी ने इस पुस्तक का चुनावी रैलियों में किया प्रचार
उन्होंने यह भी कहा कि ‘फ़ॉन्ट' और ‘फ़ॉन्ट' का आकार तय करने में बहुत मेहनत करनी पड़ी। मलिक ने कहा कि सभी अनुच्छेद संख्याएं लाल रंग में हैं और पाठ काले रंग में है। यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस नेता राहुल गांधी द्वारा अपनी चुनावी रैलियों में इस पुस्तक को दिखाए जाने के कारण लोगों ने इस पुस्तक में रुचि दिखाई है, मलिक ने कहा, "लोग अब इसकी मांग कर रहे हैं और जबसे राहुल गांधी ने अपनी चुनावी बैठकों और चुनावी रैलियों में इस पुस्तक को दिखाया है तब से लोगों ने इसमें अधिक रुचि दिखाई है और अब ऑर्डर आने शुरू हो गए हैं।"

''मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं हैं, मोदी जी राजा हैं- राहुल गांधी
मलिक ने कहा, "पहले संस्करण में हमने करीब 700-800 प्रतियां बेची थीं। पिछले संस्करण (16वें) में आते आते हमने प्रति संस्करण करीब 5,000-6,000 प्रतियां बेंची। हमें उम्मीद है कि इस साल अधिक प्रतियां बिकेंगी।" राहुल गांधी ने 10 मई को लखनऊ में ‘संविधान सम्मेलन' को संबोधित किया था जिसका आयोजन समृद्ध भारत फाउंडेशन ने किया था। उन्होंने तब प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) पर संविधान पर हमला करने का आरोप लगाया था। गांधी ने मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि ''मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं हैं, मोदी जी राजा हैं।''

संविधान की इस पुस्तक का 14वां संस्करण 2022 में प्रकाशित हुआ था और उसकी कीमत 745 रुपये थी। पुस्तक के 14वें संस्करण में भारत के पूर्व अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल द्वारा लिखे प्राक्कथन में कहा गया है "जब आप इस छोटी चमड़े की जिल्द वाली पुस्तक को अपने हाथों में पकड़ते हैं, तो आप 70 साल पहले लिखे गए राष्ट्र के भाग्य को पकड़ रहे होते हैं। क्या संस्थापकों ने कभी सोचा होगा कि प्रावधानों को लागू किए जाने पर क्या क्लेश, विवाद, टकराव पैदा होंगे?'' कंपनी की वेबसाइट के अनुसार 1942 में स्थापित ईबीसी समूह कानून से जुड़ी किताबें और अन्य सामग्री का प्रकाशन करती है, जिसके कई भारतीय शहरों और विदेशों में कार्यालय हैं। इसमें कहा गया कि 1940 के दशक में दो भाइयों - सीएल मलिक और उनके छोटे भाई पीएल मलिक ने लखनऊ में बसने और कानून की किताबों की बिक्री और प्रकाशन में अपना करियर शुरू करने का फैसला किया।

 उन्होंने मिलकर उस नींव को रखा जो आज ईबीसी के बैनर तले कंपनियों के एक समूह के रूप में विकसित हो चुकी है। इस बीच कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के वरिष्ठ नेता और एआईसीसी सदस्य अशोक सिंह ने बताया, "हमारे नेता राहुल गांधी द्वारा चमड़े की जिल्द वाली संविधान की किताब दिखाए जाने के बाद मैंने एक ऑनलाइन ई-कॉमर्स पोर्टल के जरिए इसकी प्रति मंगवाई है। जिस तरह से उन्होंने किताब को प्रदर्शित किया है, उससे मुझमें किताब के प्रति जिज्ञासा बढ़ गई है और मैं किताब की एक प्रति का बेसब्री से इंतजार कर रहा हूं।

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