Edited By Harman Kaur,Updated: 03 Oct, 2023 11:40 AM

बिहार में हुई जातीय गणना को लेकर भारतीय सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा जातीय गणना के पक्षधर रही है....
बलिया (मुकेश मिश्र): बिहार में हुई जातीय गणना को लेकर भारतीय सुहेलदेव पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Omprakash Rajbhar) ने कहा कि हमारी पार्टी हमेशा जातीय गणना के पक्षधर रही है। उन्होंने कहा कि बिहार की जातीय गणना का 36 प्रतिशत अति पिछड़ों का आंकड़ा आया है। इन अति पिछड़ों के साथ लालू जी, नीतीश जी ने धोखा किया है। इन्होंने इन 36 प्रतिशत लोगों को क्या दिया है। सत्ता में चाहे कांग्रेस रही हो या कोई भी रहा हो, हमेशा अति पिछड़ों के साथ धोखा हुआ है।

ओपी राजभर ने आगे कहा कि यही हाल यहां अखिलेश जी और मायावती जी का है। इन्होंने 19 साल शासन किया। कांग्रेस ने भी लंबा समय तक शासन किया। इन लोगों ने आज पिछड़ों के साथ धोखा किया है। जो वंचित शोषित है, उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा, कांग्रेस के लोग बीजेपी के खिलाफ भय दिखा करके मुसलमानों में नफरत पैदा करके और सरकार में जाने का प्रयास करते हैं। राजभर ने कहा कि बिहार में हुई जातिगत जनगणना में 36 प्रतिशत अतिपिछड़ी जातियों का आंकड़ा आया है। सामाजिक न्याय की दुहाई देने वाले राजद नेता लालू प्रसाद यादव और जदयू नेता नीतीश कुमार ने इन 36 प्रतिशत अति पिछड़ी जातियों के साथ भेदभाव किया है। लालू या नीतीश ने कभी भी इन 36 फीसदी आबादी में से किसी भी जाति को कभी भी सामाजिक न्याय के दायरे में लाकर मुख्यमंत्री की कुर्सी तक नहीं पहुंचाया। आठ-आठ बार नितीश कुमार मुख्यमंत्री हुए और खुद लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी मुख्यमंत्री रहीं, ये सामाजिक न्याय नहीं होता है।

उन्होंने नीतिश कुमार सरकार पर जातीय जनगणना को लेकर राजभर जातियों के साथ अन्याय का आरोप लगाते हुए कहा कि जनगणना में त्रुटि हुई है। राजभर ने कहा, बिहार के 26 जिला में मै घूमा हूं। बड़ी संख्या में राजवंशी, भर व राजभर के बीच जाता हूं। दस से पंद्रह हजार अलग-अलग जिलों में इकठ्ठा होते हैं, लेकिन आंकड़ा प्रतिशत में भी नहीं आया है। ये प्रश्न चिन्ह्न तो है कि जो जातियां राजनीति में हैं, उनकी गिनती तो ठीक से हो गई। उन्होंने कहा कि पांच जातियां जो 29 जिले में रहती है। इनका आंकड़ा परसेंटेज में नहीं है। इस जाति का नाम हम नहीं जानते हैं वह जाति परसेंटेज में आ गया है। यह जो पांच जातियों का आंकड़ा है उस आंकड़े से संतुष्ट नहीं है। उस आंकड़े को हम 10 अक्टूबर को गांधी मैदान पटना में बिहार के राजनीति में एक बहुत बड़ा परिवर्तन करके दिखाएंगे ।