बागी प्रत्याशियों का समर्थन कर रहे 3 नेताओं को मायावती ने दिखाया बाहर का रास्ता

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 11 Apr, 2021 12:06 PM

mayawati shows 3 leaders who are supporting rebel candidates

बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के बागियों का प्रचार करने के आरोप में अपने तीन नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। बसपा में जिला पंचायत सदस्य पद की सूची का विवाद इतना गहरा गया कि कई दिग्गजों को बाहर होना पड़ा। शनिवार को जिलाध्यक्ष...

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने पार्टी के बागियों का प्रचार करने के आरोप में अपने तीन नेताओं को पार्टी से निकाल दिया है। बसपा में जिला पंचायत सदस्य पद की सूची का विवाद इतना गहरा गया कि कई दिग्गजों को बाहर होना पड़ा। शनिवार को जिलाध्यक्ष सीताराम गौतम ने हाईकमान के निर्देश पर पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व विधायक आदित्य पांडेय, जहानाबाद के पूर्व चेयरमैन अनवारूल हक को पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण निष्कासित कर दिया। कहा, कई बार चेतावनी के बाद यह लोग झंडा-बैनर के साथ बागी दावेदारों का चुनाव प्रचार कर रहे थे।

जिला पंचायत सदस्य पद पर बसपा संगठन ने अभी तक 46 में 12 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। सूची जारी होते ही विवाद शुरू हो गया और जहानाबाद क्षेत्र के कई पदाधिकारियों ने विरोध में इस्तीफा दे दिया था। बसपा के मिर्जापुर, प्रयागराज मंडल के सेक्टर प्रभारी अशोक गौतम ने कहा, पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने की शिकायत राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास तक पहुंची। जिलाध्यक्ष ने तीनों नेताओं की कार्यशैली की जांच कराई तो पता चला कि यह लोग पार्टी सूची से इतर अपने प्रत्याशी मैदान में उतार कर पार्टी के झंडे-बैनर का प्रयोग कर रहे हैं। कहा, अध्यक्ष मायावती के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई। निष्कासित तीनों नेताओं पर इसके पूर्व भी पार्टी कार्रवाई कर चुकी है, लेकिन एक साथ तीन दिग्गजों पर कारर्वाई होने से पार्टी के अंदर खलबली मची हुई है।

पूर्व मंत्री बसपा से चार बार विधायक रह चुके हैं तथा सरकार खेलकूद मंत्री रह चुके हैं, आदित्य पांडेय जहानाबाद विधानसभा से विधायक रह चुके हैं। आदित्य पांडेय ने कहा, जिला संगठन ने तीन-तीन लाख रुपये लेकर टिकट बेचने का कार्य किया है। पार्टी के निष्ठावान लोगों को टिकट न देकर सपा व भाजपा के कार्यकर्ताओं को प्रत्याशी बना दिया गया। इसी के विरोध में वह शनिवार की सुबह ही लखनऊ में सतीश मिश्र को इस्तीफा सौंप दिया था। कहा कि ऐसे में निष्कासन का कोई मतलब ही नहीं है। पूर्व मंत्री अयोध्या पाल व पूर्व चेयरमैन अनवारूल हक ने कहा, जिलाध्यक्ष की मनमानी के विरोध में वह पहले ही त्यागपत्र दे दिया था। 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!