Edited By Pooja Gill,Updated: 01 Oct, 2024 09:21 AM
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्टूबर को अपने महत्वाकांक्षी "मिशन शक्ति" कार्यक्रम के पांचवें चरण की शुरुआत करेगी। इसके लिए महिलाओं के लिए एक समर्पित स्वास्थ्य...
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ते हुए शारदीय नवरात्र के पहले दिन तीन अक्टूबर को अपने महत्वाकांक्षी "मिशन शक्ति" कार्यक्रम के पांचवें चरण की शुरुआत करेगी। इसके लिए महिलाओं के लिए एक समर्पित स्वास्थ्य हेल्पलाइन- "महिला स्वास्थ्य लाइन" शुरू की जाएगी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि स्वास्थ्य लाइन महिला पावर लाइन- 1090 पहल की तर्ज पर होगी और इसका उद्देश्य उन महिलाओं को सुलभ स्वास्थ्य सेवा सहायता प्रदान करना है, जो अक्सर सामाजिक चुनौतियों के कारण स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर चर्चा करने में बाधाओं का सामना करती हैं।
यह हेल्पलाइन महिलाओं को गोपनीय चिकित्सा सहायता देगी
बयान के अनुसार इस हेल्पलाइन के जरिए महिलाओं को स्त्री रोग विशेषज्ञों के साथ टेली-परामर्श की सुविधा दी जाएगी, जिसके तहत महिलाओं (ग्रामीण महिलाओं) को दूर के अस्पतालों या क्लीनिकों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिल जाएगा। उन्हें घर पर ही स्त्री रोग विशेषज्ञ का मार्गदर्शन मिल सकेगा। इसका सबसे ज्यादा लाभ ग्रामीण महिलाओं को होगा। यह हेल्पलाइन महिलाओं को समय पर और गोपनीय चिकित्सा सहायता प्राप्त करने में सशक्त बनाएगी, जिससे ग्रामीण उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में अंतर को खत्म किया जा सकेगा।
ये है इस हेल्पलाइन का उद्देश्य
महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के अनुसार, नयी स्वास्थ्य हेल्पलाइन न केवल तत्काल चिकित्सा सलाह प्रदान करेगी, बल्कि महिलाओं को मातृ स्वास्थ्य, प्रजनन स्वास्थ्य और मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं को सुलझाने में भी मदद करेगी। इस हेल्पलाइन का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की उन महिलाओं की स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा करना है, जिनके लिए गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल तक पहुंच एक चुनौती बनी हुई है।
यह भी पढ़ेंः कानूनी पेशे को बदनाम करती है हड़ताल की संस्कृति: इलाहाबाद हाईकोर्ट
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने जनपद न्यायालयों में वकीलों के बार-बार हड़ताल पर जाने को लेकर कहा है कि ऐसी कार्य संस्कृति, कानूनी पेशे को बदनाम करती है। अदालत ने प्रदेश के सभी जिला न्यायाधीशों को निर्देश दिया है कि वे संबंधित जिलों के बार एसोसिएशन द्वारा पारित हड़ताल के किसी भी आह्वान को प्रसारित ना करें।