Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Dec, 2025 08:44 AM

Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों और बड़े अधिकारियों के दफ्तरों में हलचल मचा दी। जहां के जानकीपुरम इलाके में रहने वाले 77 वर्षीय शंकर त्रिवेदी से ठगों ने 27 लाख रुपए ठगी......
Lucknow News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सुरक्षा एजेंसियों और बड़े अधिकारियों के दफ्तरों में हलचल मचा दी। जहां के जानकीपुरम इलाके में रहने वाले 77 वर्षीय शंकर त्रिवेदी से ठगों ने 27 लाख रुपए ठगी कर लिए। ठगों ने शंकर त्रिवेदी को एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) और एनआईए के अधिकारी बताकर डराया और 5 दिनों तक उन्हें अपने जाल में फंसा रखा।
ठगी की कहानी कैसे शुरू हुई
घटना की शुरुआत 7 नवंबर दोपहर हुई, जब रामशंकर त्रिवेदी अपने घर में आराम कर रहे थे। तभी उन्हें व्हाट्सएप कॉल आई। कॉल करने वाले ने खुद को एटीएस अधिकारी बताया। ठग ने धमकाते हुए कहा कि रामशंकर ने आतंकियों की मदद की है और उनके खाते में 70 लाख रुपए कमीशन के रूप में आए हैं। रामशंकर ने इनकार किया, लेकिन ठगों ने वीडियो कॉल करके उन्हें और डराया और खुद को एनआईए अधिकारी बताया।
कैसे ट्रांसफर हुए 27 लाख रुपए
ठगों ने कहा कि रामशंकर के बैंक खाते की पूरी जांच होगी और अगर सब सही पाया गया तो पैसे वापस कर दिए जाएंगे। धमकाया गया कि ऐसा ना करने पर उनका बुढ़ापा जेल में कटेगा। जालसाजों ने रामशंकर को दो बैंक खाते दिए और उसमें अपनी रकम जमा करने को कहा। 10 नवंबर को 10 लाख रुपए और 11 नवंबर को 17 लाख रुपए उन्होंने इन खातों में आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर कर दिए। जब ठगों की मांगें बढ़ीं, तो रामशंकर को शक हुआ और उन्होंने अपने परिवार को जानकारी दी।
पुलिस कार्रवाई
रामशंकर के परिजनों ने एफआईआर दर्ज कराई। मामला लखनऊ साइबर पुलिस के पास है और जांच जारी है। पुलिस ने कहा कि बुजुर्ग को ठगी का शिकार बनाया गया और दोषियों की तलाश की जा रही है।