Edited By Pooja Gill,Updated: 25 Nov, 2024 08:45 AM
Sambhal News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही ‘घमंडिया गठबंधन' अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह सफल नहीं होगा...
Sambhal News: भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही ‘घमंडिया गठबंधन' अशांति फैलाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वह सफल नहीं होगा। भाजपा प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि कोई भी यह दावा नहीं कर सकता कि कानून तोड़ना या अदालत के आदेश को लागू होने से रोकने के लिए पथराव करना उसका संवैधानिक अधिकार है। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी। भाजपा नेता ने कहा कि जो लोग अदालत के किसी आदेश से सहमत नहीं हैं, उन्हें न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेना चाहिए।
'किसी को भी कानून तोड़ने का अधिकार नहीं है'
भाजपा प्रवक्ता ने कहा, ‘‘किसी को भी कानून तोड़ने का अधिकार नहीं है। अगर अदालत ने कोई आदेश दिया है, तो उसे लागू किया जाएगा। जो लोग आदेश में संशोधन चाहते हैं, उनके लिए न्यायिक प्रक्रिया का विकल्प उपलब्ध है।'' भाजपा के एक अन्य प्रवक्ता अजय आलोक ने आरोप लगाया कि यह अस्थिरता पैदा करने के लिए जानबूझकर किया गया प्रयास है। उन्होंने संभल में हिंसा के लिए ‘‘घमंडिया गठबंधन'' को जिम्मेदार ठहराया। भाजपा नेता अक्सर इस शब्द का इस्तेमाल ‘इंडिया' गठबंधन के लिए करते हैं। संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किए जा रहे सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए और इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई। घटना में उपजिलाधिकारी और पुलिस क्षेत्राधिकारी समेत 20 लोग जख्मी भी हुए हैं।
प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जलाने की कोशिश की
पुलिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को जलाने की कोशिश की और पुलिस पर पथराव किया, जिसके बाद पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया। एक स्थानीय अदालत के आदेश पर मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त है। दरअसल स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था। जिले के अधिकारियों ने कहा कि सर्वेक्षण मंगलवार को पूरा नहीं किया जा सका और आमतौर पर दोपहर में होने वाली नमाज में हस्तक्षेप से बचने के लिए रविवार सुबह सर्वेक्षण की योजना बनाई गई थी।