Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 04 Jul, 2021 03:57 PM
ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे लोगों के लिए प्रक्रिया आसान कर दी गई है। इसके लिए अब किसी को ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में 1 जुलाई से बड़ा बदलाव किया है। जिसके बाद...
नई दिल्ली/ लखनऊः ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने की सोच रहे लोगों के लिए प्रक्रिया आसान कर दी गई है। इसके लिए अब किसी को ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों में 1 जुलाई से बड़ा बदलाव किया है। जिसके बाद आपको आरटीओ जाकर ड्राइविंग टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी। अभी तक ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए ड्राइविंग टेस्ट देना अनिवार्य था, लेकिन अब ऐसा नहीं करना होगा।
ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने को लेकर केंद्रीय सड़क मंत्रालय का संशोधित नियम आज से लागू हो गया है। दरअसल, परिवहन मंत्रालय ने ड्राइवर प्रशिक्षण केंद्रों (ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर्स) को मान्यता देने के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है। जहां उम्मीदवारों को उच्च गुणवत्ता वाले ड्राइविंग पाठ्यक्रम प्रदान किए जाएंगे, और एक बार परीक्षण पास हो जाने के बाद, उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस प्राप्त करने के समय ड्राइविंग परीक्षण से छूट दी जाएगी। यानी कि अगर आपने मान्यता प्राप्त ड्राइविंग सेंटर से ट्रेनिंग ली है तो आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आरटीओ जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी।
इतने दिने लेनी होगी ट्रेनिंग
नए नियम के अनुसार आपको ड्राइविंग सेंटर्स पर हल्के मोटर व्हीकल कोर्स के लिए 4 सप्ताह में 29 घंटे ड्राइविंग करनी होगी। इसके साथ ही 28 दिनों में आपको ड्राइविंग सीखनी भी होगी। अगर ड्राइविंग सेंटर्स आपको पास कर देते हैं तो फिर आपको ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कोई और टेस्ट नहीं देना होगा। इसके अलावा हेवी मोटर व्हीकल यानी भारी वाहन की ड्राइविंग सीखने की अवधि 6 सप्ताह में 38 घंटे की है। इसमें भी थ्योरी और प्रैक्टिकल शामिल हैं।