अखाड़ा परिषद के महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य आनंद गिरी को पुलिस ने हिरासत में लिया

Edited By Ramkesh,Updated: 20 Sep, 2021 08:58 PM

anand giri a disciple of mahant narendra giri of akhara parishad

खिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया है।  उत्तराखंड पुलिस की सहायता से  उत्तर प्रदेश पुलिस आनंद गिरी को जल्द ही प्रयागराज लाएगी। एडीजी ने...

प्रयागराज: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महंत की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए पुलिस ने उनके शिष्य आनंद गिरी को हिरासत में ले लिया है।  उत्तराखंड पुलिस की सहायता से  उत्तर प्रदेश पुलिस आनंद गिरी को जल्द ही प्रयागराज लाएगी। एडीजी ने बयान देते हुए कहा कि उनके पास से 12 पेज का सुसाइड नोट मिला है। उन्होंने सुसाइड नोट में तीन लोगों के नाम का जिक्र किया है। जिसका नाम आध्या तिवारी और संदीप तिवारी, आनंद गिरि के नाम का जिक्र किया गया है। वहीं उनके शिष्य ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि महंत जी आत्महत्या नहीं कर सकते है।

पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट को वसीयत की तरह से लिखा गया था और उसमें आत्महत्या करने का भी जिक्र किया गया है। सुसाइड नोट में आनंद गिरि के साथ और भी शिष्यों का नाम लिखा गया है। वहीं, मौके पर भारी संख्या में साधु संत पहुंच रहें है। जिसकी वजह से पूरे परिसर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है।

बता दें कि, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि अपने बेकाक बयानों के लिए जाने जाते थे। इसके साथ ही वो राममंदिर आंदोलन से जुड़े हुए थे और उन्होंने मंदिर आंदोलन में बड़ी भूमिका निभाई थी। महंत नरेंद्र गिरि को अक्टूबर 2019 में हुई 13 अखाड़ों की बैठक में दोबारा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का अध्यक्ष चुना गया था. हरिद्वार में हुए कुंभ में महंत नरेंद्र गिरि कोरोना संक्रमित भी हो गए थे।

 गौरतलब है कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष श्रीमहंत नरेंद्र गिरि ने बीते दिनों उनके  शिष्य आनंद गिरि का विवाद हुआ था। उसके बाद कुछ दिन बाद मामले ही मामले में उन्हें वापस ले लिया गया था। फिलहाल इस मामले में अधिकारियों ने खुदकुशी की पुष्टि कर दी है। वहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर हनुमानगढ़ी के पुजारी राजू दास ने दु:ख व्यक्त करते हुए कहा कि महाराज जी की मौत कोई साधारण बात नहीं है। उन्होंने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महाराज जी सनातन धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए हमेशा आगे रहते थे। उनकी मौत दुख है।  साधू सन्तों में उनकी मौत से हैरानी और आक्रोश का माहौल बना हुआ है। उच्चस्तरीय जांच की बात की है।  

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