Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 22 May, 2020 09:05 PM
भय का पर्याय बन चुके खतरनाक कोरोना वायरस से इस वक्त पूरा देश जंग लड़ रहा है। ऐसे में इसी कोरोना संकट के बीच राजनीति से लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चल रहा है। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के टीचर्स एसोसिएशन...
लखनऊः भय का पर्याय बन चुके खतरनाक कोरोना वायरस से इस वक्त पूरा देश जंग लड़ रहा है। ऐसे में इसी कोरोना संकट के बीच राजनीति से लेकर आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चल रहा है। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के टीचर्स एसोसिएशन ने शुक्रवार को एक प्रस्ताव पारित कर कहा कि कोविड-19 यानी कोरोना महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने और समाज को बांटने के लिये किया जा रहा है।
बता दें कि एसोसिएशन ने अपनी कार्यकारिणी की एक विशेष बैठक में यह प्रस्ताव पारित कर उसे राष्ट्रपति के पास भेजा है। प्रस्ताव में कहा गया है, ''यह हम सबके लिये बहुत दुख का विषय है कि कोविड- 19 महामारी का इस्तेमाल एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत फैलाने के लिये किया जा रहा है।'' प्रस्ताव में महामारी से निपटने के तौर-तरीकों पर गहरी चिंता प्रकट की गई।
वहीं एएमयू टीचर्स एसोसिएशन के सचिव प्रो नजमुल इस्लाम ने कहा, ''हमारा मानना है कि देश में कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में जीत तभी हासिल होगी, जब हम सब एकजुट होकर इसका मुकाबला करेंगे। एएमयू टीचर्स एसोसिएशन ने आम आदमी, मुख्य रूप से दिहाड़ी मजदूरों के प्रति पूरी एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा, ''जो प्रवासी मजदूर बड़े शहरों से अपने गांव और कस्बे लौट रहे हैं, उन लोगों की कोई गलती नहीं है।