ये कैसी आस्था! रावण दहन के बाद जान जोखिम में डालकर लकड़ी लूटने की मच गई होड़, जानें क्या है मान्यता

Edited By Mamta Yadav,Updated: 13 Oct, 2024 02:54 AM

after burning ravana there was a race to loot the wood

उत्तर प्रदेश के जनपद संभल से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां रावण दहन के बाद अचानक मैदान में पब्लिक क्यों दौड़ी, आखिर ऐसी कौन सी आस्था जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोग रावण और मेघनाथ की जलती हुई लड़कियां खींचकर घर ले जाते हैं।

Sambhal News, (दानिश अंसारी): उत्तर प्रदेश के जनपद संभल से बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां रावण दहन के बाद अचानक मैदान में पब्लिक क्यों दौड़ी, आखिर ऐसी कौन सी आस्था जो अपनी जान जोखिम में डालकर लोग रावण और मेघनाथ की जलती हुई लड़कियां खींचकर घर ले जाते हैं।
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दरअसल, बता दें कि रावण के पुतले में आग लगी ही थी कि लोग लकड़ी लूटने लगे। इस दौरान एक बड़ा हादसा होने से बच गया। हुआ यह कि लकड़ी लूटने के दौरान अचानक रावण के पुतले में रखा पटाखा फूट गया, जिससे कई लोग बाल-बाल बच गए। लोगों का हुजूम रावण के पुतले की लकड़ियां लूटने दौड़ पड़ा, लकड़ी खींचने की होड़ के चलते सदर कोतवाली के कुरुक्षेत्र मैदान पर अफरा-तफरी मच गई। शहर के भगवान राम ने रावण की नाभि में जैसे ही बाण मारा, रावण धूं-धूं कर जल उठा। रावण के दहन के साथ ही लोगों का हुजूम जय श्रीराम का नारा लगाते हुए दौड़ पड़ा और रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले की जलती हुई लड़कियां खींचने लगे।
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सदर कोतवाली इलाके के कुरुक्षेत्र मैदान पर हजारों की संख्या में लोग थे, जिससे वहां अफरा-तफरी मच गई। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठियां दौड़ी लेकिन लोग नहीं रुके। मान्यता है कि जो लोग रावण के पुलते की लकड़ी अपने घर जाते हैं, उनके परिवार से भय भाग जाता है। यही कारण था कि जैसे ही श्रीराम ने रावण पर बाण चलाया और पुतला धूं-धूं कर जलने लगा, जय श्रीराम के जयकारों से गूंज उठा। लोगों का हुजूम रावण के पुतले की लकड़ियां लेने के लिए दौड़ पड़ा। लकड़ी खींचने की होड़ के चलते लोगों को असुविधा का भी सामना करना पड़ा। इस दौरान पुलिस की लाठियां दौड़ी कई लोग इस दौरान आतिशबाजों ने रंगीन आतिशबाजी से सबका मन मोह लिया।
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फिलहाल पाप का अंत होने के बाद रावण, मेघनाथ दहन के बाद जिस तरह से भीड़ आस्था पर जान जोखिम में डालकर लड़कियों लेकर घर जाते हैं। माना जाए की यह परंपरा काफी समय से चली आ रही है लेकिन फिर भी लोगों को ध्यान देना चाहिए। फिलहाल लोगों को चाहिए कि पूरा ध्यान किसी तरह से कोई भी विधान ना पड़े और जान जोखिम न पड़े ऐसा कार्य करें।
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