Edited By Ramkesh,Updated: 16 Mar, 2025 01:08 PM

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर खख्त है। उसके बाद भी भ्रष्ठाचार में लिप्त अधिकारी कमर्चारी अपने मंसूबों में सफल हो जाते है। ऐसा ही ताजा मामला कानपुर से सामने आया है। जहां पर शहर में चल रही ई-बसों...
कानपुर: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को लेकर खख्त है। उसके बाद भी भ्रष्ठाचार में लिप्त अधिकारी कमर्चारी अपने मंसूबों में सफल हो जाते है। ऐसा ही ताजा मामला कानपुर से सामने आया है। जहां पर शहर में चल रही ई-बसों में यात्रियों से किराया लेकर टिकट न देने के प्रकरण में 31 संविदा परिचालकों को निलंबित कर दिया गया है।
मुख्य संचालन अधिकारी ने बताया बसों से होने वाली आय में लगातार कमी दर्ज की जा रही थी। इस पर मुख्य संचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने संजीव नगर और नगर निगम में बने आनलाइन निगरानी केंद्रों में 15 नवंबर 2024 से अब तक के ई-बसों के सीसीटीवी फुटेज जांचे। इसमें पता चला कि परिचालक यात्रियों से रुपये लेकर टिकट नहीं दे रहे थे। इन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए 13 मार्च 2025 को 31 परिचालकों को निलंबित कर दिया। मुख्य संचालन अधिकारी ने परिचालकों के निलंबन पत्र थमा दिया है। इसके बाद परिचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।
परिचालकों की कमी से ई-बस का संचालन हो सकता है ठप
आप को बता दें कि इससे पहले 27 दिसंबर 2024 को 40 और परिचालकों को निलंबित किया गया था। अब वहीं 31 परिचालक निलंबित कर दिए गए हैं। ऐसे में विभाग को के सामने परिचालकों की कमी आ सकती है। जिससे संचालन का कार्य ठप हो सकता है। अब तक 71 परिचालकों की सेवा खत्म की जा चुकी है। वहीं, निलंबन किए जाने से परिचालकों में रोष व्याप्त है।
अब तक 71 परिचालकों पर हो चुकी है कार्रवाई
उन्हें मुख्य संचालन अधिकारी रजनीश राजपूत ने बताया 27 दिसंबर 2024 को 40 परिचालकों पर रुपये लेकर यात्रियों को टिकट न देने का आरोप था। उन पर सेवा समाप्त की कार्रवाई की गई थी। सोमवार को 31 कंडक्टर को निलंबित किया गया है। शहर में ई बस संचालन बाधित होने पर एडीएम सिटी, केसीटीएसएल के प्रबंध निदेशक सहित अन्य अधिकारियों ने सात दिन में जांच पूरी करने के आदेश दिए हैं।