फिरोजाबाद में डेंगू से 10 और मौतें, किसी को नहीं मिल रहा बेड... किसी की एंबुलेंस के अभाव में गई जान

Edited By Umakant yadav,Updated: 15 Sep, 2021 12:13 PM

10 more deaths due to dengue in firozabad no one is getting beds

उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर भले ही कम हो गया है, लेकिन वायरल बुखार और डेंगू तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। वहीं फिरोजाबाद की बात करें तो डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां आए दिन मौतों के आकड़े बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को...

फिरोजाबाद: उत्तर प्रदेश में कोरोना का कहर भले ही कम हो गया है, लेकिन वायरल बुखार और डेंगू तेजी से बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। वहीं फिरोजाबाद की बात करें तो डेंगू का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। यहां आए दिन मौतों के आकड़े बढ़ते जा रहे हैं। मंगलवार को 10 और लोगों की मौत से अब तक मरने वालों का आंकड़ा 153 पहुंच गया है। पिछले 4 दिनों में 39 लोगों की मौत हो गई। इतना ही नहीं स्वास्थ्य विभाग ने योगी सरकार के दावे की पोल खोल कर रख दी है। अव्यवस्थाओं के चलते मरीज और उनके परिजन परेशान हैं। किसी को बेड नहीं मिल रहा तो किसी को एंबुलेंस। आलम यह है कि एक बेड पर दो से तीन मरीजों का इलाज किया जा रहा है।   

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100 शैय्या अस्पताल में अव्यवस्थाओं से दम तोड़ रही जिंदगियां

बता दें कि शौ शैय्या अस्पताल में अव्यवस्थाओं से जिंदगी दम तोड़ रही है। किसी को बेड नहीं मिल रहा तो किसी को एंबुलेंस। राजपूताना थाना दक्षिण की रहने वाली इकरा पुत्री शाहिद बुखार आने पर सोमवार को शौ शैय्या अस्पताल पहुंची। किशोरी दर्द से कराह रही थी इसके बावजूद मंगलवार को बिना डिस्चार्ज स्लिप के ही रेफर कर दिया गया। डॉक्टरों ने परिजनों से कहा कि कहीं और ले जाओ। जिसके बाद परिजन काफी देर तक एम्बुलेंस का इतजार करते रहे लेकिन एंबुलेंस नहीं आई। फिर भाई ने दर्द से कराह रही बहन को गोद में उठाकर चल दिया। एक घंटे बाद एंबुलेंस तो आई लेकिन तब तक परिजन प्राइवेट एंबुलेंस कर अस्पताल के लिए निकले ही थे कि किशोरी ने दम तोड़ दिया। परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही और सही से इलाज न करने का आरोप लगाया। भाई ने कहा कि अगर समय से एंबुलेंस आती तो मेरी बहन आज जिंदा होती।

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फिरोजाबाद में मंगलवार को इनकी गई जान

फिरोजाबाद में मंगलवार को जिन 10 लोगों की मौत हुई है उनमें भी 6 की उम्र 16 साल से कम ही है। फूल वाली गली ठारफूटा के रहने वाले राजकुमार (40) पुत्र भूपसिंह, मोहिनीपुर शिकोहाबाद की रहने वाली वैष्णवी (6) पुत्री योगेंद्र, न्यू रामगढ़ की सुमन (25) पत्नी बॉबी, जमुना नगर की सुग्रीव (10) पुत्री लोकेंद्र, हिमायूंपुर के अभी (3) पुत्र गोविंद, झलकारी नगर की हेमा (35) पत्नी जयप्रकाश, रामनगर की शिवान्या (6) पुत्री राम बहादुर, चिलासिनी की नंदिनी (3) पुत्री योगेश, राजपूताना की इकरा (16) पुत्री शाहिद और एक अन्य की डेंगू से मौत हो गई।

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बेंच पर लिटाकर मरीजों का किया जा रहा इलाज
गौरतलब है कि फिरोजाबाद में कोई मोहल्ला ऐसा नहीं है, जहां मौत न हुई हो। कई मोहल्लों की एक ही गलियों में एक से अधिक बच्चों की मौत हो रही है। बीते दिनों मुख्यमंत्री 100 बेड अस्पताल का निरीक्षण किया था। अस्पताल की व्यवस्थाओं से वह संतुष्ट दिखे थे। उन्होंने कहा था कि प्राइवेट अस्पताल की वजह से ज्यादातर मौतें हो रही हैं। उनके जाने के बाद से ही सरकारी अस्पताल के हालात खराब हो गए। वर्तमान में सौ शैय्या अस्पताल में 425 से ज्यादा मरीज भर्ती हैं। आलम यह है कि बेड खाली न होने की वजह से अधिकतर मरीजों को रेफर किया जा रहा है। कई मरीजों का इलाज तो बेंच पर लिटाकर किया जा रहा है। उधर, प्राइवेट अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

 

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