Baghpat News: योगी राज में 'पाकिस्तान' का मिटेगा नामोनिशान! पाक के पूर्व राष्ट्रपति की आखिरी निशानी पर बड़ा एक्शन

Edited By Anil Kapoor,Updated: 01 Sep, 2024 11:38 AM

in yogi raj every trace of  pakistan  will be erased

Baghpat News: भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है, जिसके बाद हिंदुस्तान से 'पाकिस्तान' का नामोनिशान मिट जाएगा। और यह झटका देने जा रहा है देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश जहां योगी आदित्यनाथ....

Baghpat News: (विवेक कौशिक) भारत ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है, जिसके बाद हिंदुस्तान से 'पाकिस्तान' का नामोनिशान मिट जाएगा। और यह झटका देने जा रहा है देश का सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश जहां योगी आदित्यनाथ का राज है।

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UP के बागपत जिले से रहा है पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति का नाता
दरअसल, उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ का नाता रहा है। परवेज मुशर्रफ का खानदान बागपत जिले के कोताना गांव से ताल्लुक रखता था। उनके पिता भी यहीं पैदा हुए और फिर दिल्ली चले गए। परवेज मुशर्रफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वालीं थीं। दोनों की शादी कोताना में हुई थी। बाद में वे दिल्ली चले गए, जहां परवेज मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ। देश बंटवारे के समय उनका परिवार पाकिस्तान में बस गया लेकिन दिल्ली और कोताना में उनकी संपत्ति रह गई। हालाकि कोताना में परवेज मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई, लेकिन उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के सदस्यों की 10 बीघा से ज्यादा खेती की जमीन बच गई थी। जिसमें उनकी हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी। जबकि कुछ संपत्ति नूरु नाम के शख्स ने खरीद ली थी जिसका नाम भी दर्ज है, जो बाद में पाकिस्तान चला गया था।

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शत्रु संपत्ति की नीलामी शुरू, 5 सितंबर तक पूरी होगी निलामी
वहीं आज से 15 साल पहले परवेज मुशर्रफ के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ और परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था। अब शत्रु संपत्ति अभिरक्षक कार्यालय ने बांगर की इस संपत्ति की नीलामी शुरू कर दी हैं जो 5 सितंबर तक ऑनलाइन पूरी होगी और इस संपत्ति को नीलामी के बाद, रिकॉर्ड में नई मालकिन के नाम दर्ज किए जाएंगे। हालांकि कोताना के बाशिंदों का कहना हैं कि मुशर्रफ कभी इस गांव में नही आए और ना उन्होंने देखा हालाकि उनके चचेरे भाई गांव आते जाते रहे है। और फिलहाल मुशर्रफ की भी कोई जमीन अब नहीं बची है। जो हवेली जो अब बदहाल है वो भी हुमायूं के नाम दर्ज हुई थी। उधर प्रशासन के मुताबिक शत्रु संपत्ति की नीलामी शुरू कर दी गई। दस्तावेज में नूरु का नाम दर्ज हैं जिसका अभी मुशर्रफ़ से तो कोई नाता नहीं है।

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