Edited By Nitika,Updated: 08 Feb, 2021 04:18 PM

उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई विकराल बाढ़ ने चारों तरफ तबाही मचाकर रख दी। इसी बीच सभी लोग भागो-भागो चिल्लाने लगे लेकिन नदी की गर्जना के चलते मजदूर आवाज नहीं सुन पाए।
चमोलीः उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में अचानक आई विकराल बाढ़ ने चारों तरफ तबाही मचाकर रख दी। इसी बीच सभी लोग भागो-भागो चिल्लाने लगे लेकिन नदी की गर्जना के चलते मजदूर आवाज नहीं सुन पाए। वहीं लोगों ने कभी सोचा नहीं था कि शांत स्वभाव में बहने वाली ऋषि गंगा भी सब कुछ तहस-नहस कर सकती है।
दरअसल, ऋषि गंगा शीर्ष भाग से ढलान पर बहती है, जिससे नदी का पानी तेज बहाव से निचले क्षेत्र में पहुंचा और सब कुछ तबाह करके चला गया। रैणी गांव के प्रत्यक्षदर्शी शंकर राणा ने बताया कि रविवार सुबह अचानक ऊंचे हिमालयी क्षेत्र से सफेद धुएं के साथ नदी मलबे के साथ बहकर आ रही थी। नदी की डरावनी आवाज से लोग घरों से बाहर निकल गए।
वहीं तपोवन निवासी संदीप नौटियाल ने बताया कि रोजमर्रा की तरह लोग मेहनत मजदूरी के लिए जा रहे थे। तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के निर्माण में मजदूर काम कर रहे थे। जैसे ही धौली गांव का जलस्तर बढ़ने लगा, लोगों में अफरा-तफरी मच गई। कई लोग बैराज पर काम कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए आवाजें लगा रहे थे। देखते ही देखते बैराज और टनल मलबे में दफन हो गया।
बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जनपद में ग्लेशियर टूटने के बाद आई जल प्रलय में लापता लोगों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। साथ ही सोमवार अपराह्न तक यह संख्या बढ़कर 202 तक पहुंच गई और 18 शव बरामद हो चुके हैं। इस दौरान 5 पुल क्षतिग्रस्त हुए हैं।