Edited By Anil Kapoor,Updated: 23 Feb, 2021 02:51 PM
उत्तर प्रदेश में प्रदेश के मुखिया हो या पुलिस के मुखिया इनके द्वारा पुलिस को आम जनता से अच्छा व्यवहार करने के लिए लगातार निर्देशित किया जाता रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने तो प्रदेश की योगी सरकार की किरकिरी कराने बीड़ा....
मैनपुरी: उत्तर प्रदेश में प्रदेश के मुखिया हो या पुलिस के मुखिया इनके द्वारा पुलिस को आम जनता से अच्छा व्यवहार करने के लिए लगातार निर्देशित किया जाता रहा है, लेकिन ऐसा लगता है कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने तो प्रदेश की योगी सरकार की किरकिरी कराने बीड़ा ही उठा लिया हो। ताजा मामला जनपद मैनपुरी का है। जहां पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने जिला प्रशासन के इशारे पर बेगुनाह लोगों पर मुकदमा दर्ज कर दिया। हैरान कर देने वाली बात यह है पुलिस ने जो मुकदमा प्रशानिक अधिकारी की तहरीर पर 13 लोगों के खिलाफ दर्ज किया है, उनमें एक अभियुक्त प्रदीप है। जिसकी 4 साल पहले ही मौत हो चुकी है।
जानकारी मुताबिक पूरा मामला थाना कोतवाली क्षेत्र का है। जहां अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगे हैं कि बाढ़ प्रभावित जमीन पर प्लॉटिंग की सूचना पर अवर अभियंता विनियमित क्षेत्र और क्षेत्रिय लेखपाल की तहरीर पर बिना जांच पड़ताल किए पुलिस ने 13 लोगों पर संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। इस पूरे मामले में अभियुक्त बनाए गए लोधी महासभा के जिलाध्यक्ष अहिवरन सिंह राजपूत ने प्रेस वार्ता कर बताया कि जिला प्रशासन की सह पर पुलिस ने उनके और कुछ निर्दोष लोगों के उपर बिना जांच बिना नोटिस के मुकदमा दर्ज लिया, जिनमें कुछ लोगों को पुलिस ने जेल भी भेज दिया।
पीड़ित लोगों का कहना है कि पुलिस ने बिना नोटिस दिए बिना जांच किए ही 13 लोगों को आरोपी बना कर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। पुलिस की लापरवाही और दबंगई की हद तो तब हो गई जब इनके द्वारा दर्ज किए गए मुकदमे में आरोपी बनाए गए एक शख्स की 4 वर्ष पहले ही मौत हो चुकी है। अब देखने वाली बात यह होगा कि अपने कर्तव्यों के प्रति लापरवाह अधिकारी अपनी-अपनी गलती छुपाते हुए किस के सर टीकरा फोड़ेंगे।