Edited By Anil Kapoor,Updated: 24 Jul, 2025 01:05 PM

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चल रही महिला कांस्टेबल्स की ट्रेनिंग के दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दखल देना पड़ा। इस दौरान कई वरिष्ठ अफसरों को हटाया गया और कुछ को सस्पेंड किया गया। यह विरोध कोई...
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में चल रही महिला कांस्टेबल्स की ट्रेनिंग के दौरान हालात इतने बिगड़ गए कि खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को दखल देना पड़ा। इस दौरान कई वरिष्ठ अफसरों को हटाया गया और कुछ को सस्पेंड किया गया। यह विरोध कोई अचानक नहीं हुआ, बल्कि इसके पीछे कई परेशानियां थीं — जैसे बुनियादी सुविधाओं की कमी, बाथरूम में कैमरे लगाए जाने की आशंका और गर्भावस्था (प्रेग्नेंसी) टेस्ट को लेकर विवाद।
कैसे शुरू हुआ मामला?
गोरखपुर में करीब 600 महिला रिक्रूट्स की ट्रेनिंग चल रही है। ट्रेनिंग से पहले सभी रिक्रूट्स का स्वास्थ्य परीक्षण होना था। इसी दौरान डीआईजी रोहन पी कनय ने सभी महिला रिक्रूट्स के प्रेग्नेंसी टेस्ट करवाने का आदेश दिया, जिससे नाराजगी फैल गई।महिला रिक्रूट्स ने इसका जोरदार विरोध किया। इसके बाद आईजी चंद्र प्रकाश ने आदेश को रद्द कर दिया और साफ कहा कि कोई भी महिला रिक्रूट यदि गर्भवती है, तो वह स्वेच्छा से शपथ पत्र देकर बैच बदलवा सकती है — किसी पर कोई दबाव नहीं होगा।
कैमरे का आरोप और गंदगी की शिकायत
कुछ महिला रिक्रूट्स ने आरोप लगाया कि बाथरूम में कैमरे लगाए गए हैं और नहाने की सुविधा नहीं है। हालांकि, पुलिस मुख्यालय ने जांच के बाद कहा कि कैमरा लगाए जाने का कोई सबूत नहीं मिला, यह आरोप तथ्यहीन है। बिजली आपूर्ति की तकनीकी समस्या के कारण पानी की सप्लाई अस्थायी रूप से बंद हुई थी।
योगी सरकार ने लिया सख्त एक्शन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले को गंभीर मानते हुए तुरंत कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए। डीआईजी रोहन पी कनय, जो प्रशिक्षण केंद्र के प्राचार्य थे को पद से हटा दिया गया और उन्हें मुख्यालय से अटैच कर वेटिंग में डाल दिया गया। प्लाटून कमांडर संजय राय को सस्पेंड कर दिया गया। 26वीं वाहिनी पीएसी के कमांडेंट आनंद कुमार को भी लापरवाही के चलते निलंबित किया गया। महिला रिक्रूट्स से अभद्रता करने वाले पीटीआई (प्रशिक्षक) को भी सस्पेंड कर दिया गया।
नए अधिकारियों की नियुक्ति
एडिशनल एसपी अनिल कुमार को नया प्राचार्य बनाया गया। निहारिका शर्मा को 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर की कमान सौंपी गई।
अफसरों ने पहले नहीं दिया कोई जवाब
जब विवाद चल रहा था, तब अधिकारी लगातार चुप्पी साधे रहे। पूरे दिन मीडिया को यही जवाब मिलता रहा — "बैठक चल रही है, बाद में बात करेंगे।" जब सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए और विपक्ष ने सवाल उठाए, तभी अफसरों की सक्रियता दिखी।
विपक्ष का हमला: अखिलेश यादव ने कसा तंज
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस पूरे मामले पर ट्वीट करते हुए कहा कि गोरखपुर के महिला पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में अव्यवस्था की शर्मनाक खबरें आ रही हैं। न बिजली है, न पानी, न गरिमापूर्ण स्नानालय। ‘नारी वंदना’ भाजपा का केवल जुमला है।
प्रशासन का सफाई बयान
कमांडेंट आनंद कुमार ने कहा कि शौचालय और बाकी सुविधाओं का निर्माण अभी चल रहा है। पानी और बिजली की समस्या तकनीकी थी, जिसे अब ठीक कर दिया गया है। वहीं आईजी प्रीतिंदर सिंह ने भी कहा कि झूठी अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर गलत जानकारी देने वालों की पहचान कर उन पर कार्रवाई होगी।