Edited By Umakant yadav,Updated: 14 Feb, 2021 04:24 PM
उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में ब्लॉक प्रमुख कबरई छत्रपाल यादव व उसके साथियों द्वारा बेटे से 60 लाख रुपये वसूले जाने और रिपोर्ट दर्ज कराने पर झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दिए जाने से परेशान अधिवक्ता मुकेश पाठक (50) ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली।...
महोबा: शहर कोतवाली क्षेत्र के समदनगर मुहल्ले के एक वरिष्ठ अधिवक्ता ने 60 लाख रुपये की रंगदारी वसूले जाने से परेशान होकर शनिवार की आधी रात कथित रूप से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने इस सिलसिले में सुसाइड नोट के आधार पर 3 लोगों को हिरासत में लिया है। वहीं मृतक के परिजन एसआईटी जांच समेत 50 लाख रुपये मुआवजे की मांग कर रहे है। अधिवक्ता ने सात फरवरी को एक ब्लॉक प्रमुख सहित पांच लोगों के खिलाफ रंगदारी वसूलने का एक मुकदमा दर्ज करवाया था।
महोबा शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) अनूप कुमार दुबे ने रविवार को बताया कि शहर के समदनगर मुहल्ले के रहने वाले वरिष्ठ अधिवक्ता मुकेश कुमार पाठक (50) ने शनिवार की रात साढ़े ग्यारह बजे अपने मकान में लाइसेंसी रायफल से गोली मारकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली। एसएचओ ने बताया कि अधिवक्ता द्वारा लिखा गया एक सुसाइड नोट भी बरामद हुआ है, जिसके आधार पर आज तीन लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उन्होंने बताया कि परिजनों की सूचना पर रात में ही उनका शव और आत्महत्या में प्रयुक्त लाइलेंसी रायफल कब्जे में ले ली गयी है।
दुबे ने बताया कि मृत अधिवक्ता पाठक की 19 जनवरी की तहरीर के आधार पर सात फरवरी (18 दिन बाद) को शहर कोतवाली में कबरई के ब्लॉक प्रमुख (निवर्तमान) छत्रपाल यादव, विक्रम यादव, आनन्द मोहन यादव, रवि सोनी और अंकित सोनी के खिलाफ उनके (अधिवक्ता के) बेटे से 60 लाख रुपये की रंगदारी वसूल लिए जाने और जान से मारने की धमकी देने का मुकदमा दर्ज किया गया था, जिसकी जांच अपराध शाखा (क्राइम ब्रांच) के अधिकारी कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में एसएचओ ने कहा, "अधिवक्ता ने बेटे से 60 लाख रुपये की रंगदारी वसूले जाने की तहरीर पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) बांदा को 19 जनवरी दी थी, लेकिन उस पर मुकदमा सात फरवरी को दर्ज किया गया। 18 दिन बाद मुकदमा लिखे जाने की वजह मुझे नहीं मालूम, क्योंकि शहर कोतवाली में मेरी तैनाती नौ फरवरी को हुई है।" मृत अधिवक्ता के बेटे शिवम पाठक ने पुलिस को बताया कि दर्ज मुकदमे (रंगदारी वसूली के मुकदमे)में सुलह के लिए आरोपियों ने पिता को शनिवार दोपहर शहर के एक होटल में बुलाया था और दबाव न मानने पर हत्या करने की धमकी थी, जिससे पिता अवसाद में आ गए और रात में खुद की लाइसेंसी रायफल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली।
गौरतलब है कि ज़िले में पहले भी रंगदारी का मामला सुर्ख़ियों में रहा है। महोबा के पूर्व पुलिस अधीक्षक मणिलाल पाटीदार द्वारा रंगदारी मांगने से परेशान कबरई कस्बे के क्रशर व्यवसायी इन्द्रकांत त्रिपाठी ने पिछले साल नवंबर माह में कथित रूप से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में कबरई के तत्कालीन बर्खास्त थानाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ला, सिपाही अरुण यादव और दो व्यवसायी सुरेश सोनी व ब्रम्हदत्त लखनऊ की जेल बंद है, लेकिन पाटीदार अब भी फरार चल रहे है।