Edited By Deepika Rajput,Updated: 08 Aug, 2019 01:11 PM
सोनभद्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर हुए नरसंहार का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा है। बच्चों ने डर के मारे स्कूल जाना छोड़ दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक बच्चे मूर्तियां गांव स्थित मिडिल स्कूल नहीं जा रहे हैं।
सोनभद्रः सोनभद्र के उम्भा गांव में जमीनी विवाद को लेकर हुए नरसंहार का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ने लगा है। बच्चों ने डर के मारे स्कूल जाना छोड़ दिया है। ग्रामीणों के मुताबिक बच्चे मूर्तियां गांव स्थित मिडिल स्कूल नहीं जा रहे हैं। जिसके चलते उन्होंने उम्भा गांव में ही उच्च प्राथमिक स्कूल खोले जाने की मांग की है।
बच्चों का कहना है कि उच्च प्राथमिक स्कूल आरोपी ग्राम प्रधान यज्ञदत्त के गांव मूर्तियां में स्थित है और वहां के लोग उन्हें जान से मारने की धमकी दे रहे हैं। ऐसे में उम्भा गांव में रहने वाले उच्च प्राथमिक स्कूल के ज्यादातर बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। मामले में घोरावल के एबीएसए उदय चंद्र राय का कहना है कि घटना के शुरुआती दिनों में बच्चों की उपस्थिति कम थी, लेकिन विभाग और पुलिस की सक्रियता की वजह से उपस्थिति बढ़ी है जो अब लगभग 50% हो गई है। अब हम उच्च प्राथमिक स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने का भरसक प्रयास कर रहे हैं।
गौरतलब है कि, गत 17 जुलाई को सोनभद्र जिले के उम्भा-सपही गांव में जमीन के विवाद को लेकर ग्राम प्रधान यज्ञदत्त भोटिया की तरफ से हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में 10 ग्रामीणों की मौत हो गई थी। घटना के विरोध में विपक्ष लामबंद हो गया था। कांग्रेस, सपा, बसपा और रालोद समेत राज्य की सभी विपक्षी पार्टियों ने घटना की एक सुर में भर्त्सना की और प्रदेश में कानून व्यवस्था की बिगड़ती हालत पर चिंता जताई थी।