श्री कृष्ण जन्मभूमि विवादः शाही ईदगाह हटाने संबंधी केस की अब 23 जुलाई को होगी सुनवाई

Edited By Moulshree Tripathi,Updated: 20 Jul, 2021 09:40 AM

shri krishna janmabhoomi dispute the case related to the removal

उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने ठाकुर केशव देव महराज बनाम इन्तजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह वाद में इस वाद के वादियों की ओर से...

मथुरा: उत्तर प्रदेश में मथुरा की एक अदालत ने ठाकुर केशव देव महराज बनाम इन्तजामिया कमेटी शाही मस्जिद ईदगाह वाद में इस वाद के वादियों की ओर से सोमवार को अपने पक्ष में दो महत्वपूर्ण तथ्य पेश किये गए हैं जिनमें से एक औरंगजेब द्वारा जारी किये गए फरमान की प्रतिलिपि शामिल है । डीजीसी सिविल संजय गौड़ ने बताया कि अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिह समेत पांच लोगों के द्वारा दायर किये गए उक्त वाद की सुनवाई के लिए आज की तारीख नियत की गई थी लेकिन मूसलाधार बारिश होने के कारण अदालत में ‘नो वर्क' कर दिया गया था।

उन्होंने बताया कि सिविल जज सीनियर डिवीजन ज्योति सिंह ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 23 जुलाई निर्धारित की है। इस वाद के वादियों ने कटरा केशवदेव मन्दिर की 13 दशमलव 37 एकड़ जमीन के कुछ भाग में बनी शाही मस्जिद ईदगाह को हटाने की मांग 23 दिसम्बर को दायर किये गए अपने वाद में की थी। इस वाद के वादी अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह समेत पांच वादियों की ओर से आज सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में जहां औरंगजेब द्वारा जारी एक फरमान की छाया प्रतिलिपि दाखिल की गई वहीं प्राचीन केशव देव मन्दिर के विगृह की छाया प्रतिलिपि भी दाखिल की गई। औरंगजेब के फरमान में ऊपर ''औरंगजेब का इतिहास'' छपा है साथ ही यह भी लिखा है कि मथुरा के कृष्ण मन्दिर को तोड़कर मूर्तियों को बेगम साहिबा मस्जिद की सीढि़यों में लगाने का औरंगजेब का फरमान जनवरी 1670। वादी अधिवक्ता महेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि जहां फरमान की प्रतिलिपि को बीकानेर से प्राप्त किया गया है वहीं विगृह की फोटो कनाडा के चैनेल भारत मार्ग से प्राप्त की गई है।

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