Sawan Somvar: सावन के चौथे सोमवार शिवालयों में उमड़ी भीड़, श्रद्धालुओं ने की सुख, शांति और समृद्धि के लिए कामना

Edited By Pooja Gill,Updated: 12 Aug, 2024 03:27 PM

sawan somvar crowd gathered in the pagodas

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयाग में सावन के चौथे सोमवार को स्वाति और विशाखा नक्षत्र के दुर्लभ संयोग पर सुख,शांति और समृद्धि प्राप्त लिए श्रद्धालु भोलेनाथ का विधि-विधान से पूजन-अर्चना और अभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से ही शिवालयों में भीड़ उमड़ पड़ी है।...

प्रयागराज: तीर्थराज प्रयाग में सावन के चौथे सोमवार को स्वाति और विशाखा नक्षत्र के दुर्लभ संयोग पर सुख,शांति और समृद्धि प्राप्त लिए श्रद्धालु भोलेनाथ का विधि-विधान से पूजन-अर्चना और अभिषेक के लिए श्रद्धालुओं का सुबह से ही शिवालयों में भीड़ उमड़ पड़ी है। श्री मनकामेश्वर महादेव, ऋणमुक्तेश्वर महादेव, नागवासुकी मंदिर, कोटेश्वर महादेव, पंचमुखी महादेव, लोकनाथ महादेव, शिवकोटि, हाटकेश्वर महादेव, दशाश्वमेध महादेव, कमौरी नाथ महादेव, तक्षक तीर्थ बड़ा शिवाला, पड़लिा महादेव समेत बड़े और छोटे शिवालयों में श्रद्धालु सुबह से ही हाथ में गंगाजल, माला,फूल, बिल्व पत्र, धतूर, पुष्प लेकर अपने आराध्य पर अर्पित कर पूजा अर्चना करने के लिए लम्बी लम्बी कतार में अपनी बारी आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर शिवालयों में किया जलाभिषेक
आसपास के जिलों से यहां पहुंचे बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगा में स्नान कर शिवालयों में जलाभिषेक कर रहे हैं। प्रशासन ने मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। यमुना किनारे स्थित मनकामेश्वर महादेव के दर्शन के लिए महिलाओं और पुरुषों की अलग अलग लंबी कतार में श्रद्धालु मंदिर में पहुंचकर हर-हर महादेव, ओम नमः: शिवाय का उद्घोष कर दर्शन पूजन कर रहे हैं। प्रयागराज के कुछ शिवालयों में दूध, दही, गंगाजल, शहद, गन्ने का रस और इत्र आदि से पुरोहित यजमान से भोलेनाथ का रुद्राभिषेक करवा रहे है।

महादेव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है
वैदिक शोध एवं सांस्कृतिक प्रतिष्ठान कर्मकाण्ड प्रशिक्षण केन्द्र के पूर्व आचार्य डा आत्माराम गौतम ने बताया कि सावन के चौथे सोमवार की सुबह 5.44 स्वाति नक्षत्र है इसके बाद 5.45 बजे से विशाखा नक्षत्र लगा है। कर्क राशि में सूर्य एवं बुध तथा वृष राशि में मंगल एवं गुरू के संचरण करने से यह दुर्लभ संयोग बना है। उन्होंने बताया कि महादेव को सावन का महीना अत्यंत प्रिय है। उन्होंने बताया कि महादेव का डमरू ज्ञान, कला, साहित्य और विजय का प्रतीक है। डमरू का दिव्य नाद कहता है शिव कल्याण के देवता है, उनके विचार रूपी सुंदर बगीचे में कल्याणकारी योजनाओं के अतिरिक्त और कोई पुष्प को पल्लवित नहीं होता। विचार में कल्याण की लहरें उठती हैं और उनके प्रत्येक शब्द में सत्यम, शिवम, सुन्दरम की ही ध्वनि निकलती है।

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