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महाकुंभ में नाविक की 30 करोड़ की कमाई; विपक्ष ने उठाई जांच की मांग

Edited By Pooja Gill,Updated: 07 Mar, 2025 08:57 AM

sailor earned 30 crores during maha kumbh

लखनऊ: महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के बयान के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) सहित विपक्ष ने दावों की जांच की मांग की और यह भी आरोप लगाया कि नाविक का आपराधिक इतिहास रहा है...

लखनऊ: महाकुंभ के दौरान नाविक पिंटू महरा की 30 करोड़ रुपये की कमाई को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार के बयान के एक दिन बाद समाजवादी पार्टी (सपा) सहित विपक्ष ने दावों की जांच की मांग की और यह भी आरोप लगाया कि नाविक का आपराधिक इतिहास रहा है। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘इस समाचार की सच्चाई की पड़ताल हो। अगर सच में एक परिवार ने महाकुंभ में अकेले 30 करोड़ कमाए हैं तो जीएसटी कितना मिला ये भी तो बताएं। ‘पातालखोजी' पहले पता कर लिया करें फिर महिमामंडन किया करें।'' उन्होंने कहा, ‘‘पहले ठग से ‘एमओयू' कर लिया, अब नामजद के नाम की सदन में बंद आंखों से तारीफ कर दी। अब तो आंखें खोलें। इन्हीं सब वजहों से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार में अपराधियों के हौसले बुलंद हैं।'' अखिलेश ने एक समाचार भी साझा किया जिसमें आरोप लगाया गया कि महरा का आपराधिक इतिहास रहा है।

एक परिवार इतनी संपत्ति कैसे जुटा सकता हैः अजय राय
कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने भी सवाल उठाया कि 45 दिनों के महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को लाने ले जाने से एक परिवार इतनी संपत्ति कैसे जुटा सकता है। राय ने कहा, ‘‘आप भले ही आपराधिक रिकॉर्ड को भूल जाएं, लेकिन यह सवाल पूछा जाना चाहिए कि क्या मुख्यमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश विधानसभा में बताई गई आय पर जीएसटी और अन्य कर चुकाए गए थे? इसके अलावा, अगर विधानसभा में दी गई आय का विवरण सही है, तो क्या यह नहीं दर्शाता है कि श्रद्धालुओं को ठगा गया, क्योंकि सरकार द्वारा निर्धारित दर पर इतना लाभ नहीं कमाया जा सकता था।'' इसके बाद राय ने ‘एक्स' पर पोस्ट कर कहा, ‘‘योगी आदित्यनाथ ने सदन में जिस नाविक की वाहवाही की, उसकी हिस्ट्रीशीट तो देश के सामने आ गई। लेकिन, उस कहानी में मुख्यमंत्री जी ने अपने ही आंकड़ों से कालाबाजारी का सच बयां कर दिया।''

'जनता से तो जनता का सच नहीं छिपता'
अजय राय ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री साहब के मुताबिक एक नाव एक दिन में लगभग 50-52 हजार रुपये की शुद्ध बचत कर रही थी और 130 नाव मिलकर लगभग 66-68 लाख रुपये की शुद्ध बचत कर रही थी। इस पूरे मामले में गौर करने वाली बात यह है कि मेला प्राधिकरण की ओर से नाव पर प्रति व्यक्ति किराया अधिकतम 120-150 रुपये ही तय था।'' कांग्रेस नेता ने कहा, ‘‘ऐसे में एक नाव दिन में कितने चक्कर लगा कर 50-52 हजार तक की बचत कर ले रही थी सभी 130 नाव मिलकर कितने चक्कर लगा कर 66-68 लाख की बचत कर रही थी? उन्होंने कहा, ‘‘यानी मतलब साफ है कि श्रद्धालुओं से जमकर मनमाने ढंग से पैसे लूटे गए हैं और सरकार के किसी भी मानक का कोई पालन नहीं हुआ है। हालांकि जिस नाविक का मुख्यमंत्री साहब ने जिक्र किया है, उसका कहना है कि श्रद्धालु उपहार स्वरूप उसे पैसे दे रहे थे। लेकिन, यह कितना सच है? ये तो सभी जानते हैं। क्योंकि, जनता से तो जनता का सच नहीं छिपता।''

'पिंटू का रहा अपराधिक रिकॉर्ड'
वहीं, पुलिस सूत्रों ने बताया कि महरा का परिवार वर्षों से नाविकों से रंगदारी, फिरौती, जबरन वसूली और अवैध शराब बनाने जैसी अवैध गतिविधियों में संलिप्त रहा है। कथित तौर पर परिवार के कई सदस्यों का आपराधिक रिकॉर्ड रहा है। बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को जारी एक बयान में दावा किया कि पिंटू महारा ने महाकुंभ के 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। बयान के अनुसार, ‘‘पिंटू के जीवन में एक साहसिक निर्णय ने नाटकीय मोड़ ले लिया। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए उन्होंने महाकुंभ से पहले अपने बेड़े को 60 से बढ़ाकर 130 नावों का कर दिया।'' यह बयान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राज्य विधानसभा में की गई टिप्पणी के बाद आया है, जहां उन्होंने महाकुंभ की विपक्ष की आलोचना का जवाब दिया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक नाविक के परिवार की सफलता की कहानी बता रहा हूं। उनके पास 130 नावें हैं। (महाकुंभ के) 45 दिनों में उन्होंने 30 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया... इसका मतलब है कि प्रत्येक नाव ने 23 लाख रुपये कमाए। 

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