Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 03 Oct, 2019 06:20 PM
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुये पूर्व सांसद रमाकांत यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में गुरूवार को निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस अनुशासन समिति ने पार्टी...
लखनऊः लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुये पूर्व सांसद रमाकांत यादव को अनुशासनहीनता के आरोप में गुरूवार को निष्कासित कर दिया गया है। कांग्रेस अनुशासन समिति ने पार्टी विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते आजमगढ़ के पूर्व सांसद यादव को पार्टी की सदस्यता से छह साल के लिये निष्कासित कर दिया।
दलबदल करने में माहिर समझे जाने वाले यादव एक समय सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के करीबी माने जाने जाते थे हालांकि 2004 में उन्हे सपा से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था। उन्होने वर्ष 2014 का चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर लड़ा था हालांकि उन्हे हार का सामना करना पडा था। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उनके बजाय भोजपुरी स्टार दिनेश लाल यादव उफर् निरहुआ को टिकट थमाया जिससे नाराज होकर उन्होने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। पिछले कुछ दिनो से समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल होने की अटकलें लगायी जा रही थी।
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अनुशासन समिति के सदस्यों अनुग्रह नारायण सिंह, पूर्व विधायक, राम जियावन पूर्व विधायक एवं विनोद चौधरी, पूर्व विधायक ने यादव को तत्काल प्रभाव से कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से 6 वर्ष के लिए निष्कासित कर दिया।
गौरतलब है कि यादव चार बार विधायक और चार बार सांसद रह चुके हैं। वह वर्ष 1985 में आजमगढ़ से पहली बार निर्दलीय विधायक चुने गए थे जिसके बाद 1989 में भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंचे थे। वर्ष 1991 में समाजवादी जनता पार्टी और 1993 में सपा के टिकट से विधायक बने। वर्ष 1996 और 1999 में वे आजमगढ़ से सपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे। इसके बाद 2004 में बसपा और 2009 में फिर सपा के टिकट पर चुनाव जीतकर लोकसभा का सफ़र तय किया।