हम CAA और अनुच्छेद 370 से जुड़े अपने फैसलों पर कायम हैं और रहेंगे: PM मोदी

Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 16 Feb, 2020 05:47 PM

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसलों पर कायम है और आगे भी रहेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र...

वाराणसीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को यहां कहा कि दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद उनकी सरकार संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने के फैसलों पर कायम है और आगे भी रहेगी। प्रधानमंत्री ने अपने संसदीय निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी में पंडित दीनदयाल उपाध्याय मेमोरियल सेंटर को राष्ट्र को समर्पित करने के साथ ही विभिन्न विकास परियोजनाओं का भी लोकार्पण किया।

इस दौरान उन्होंने कहा, ''देश आज वो फैसले भी ले रहा है जो हमेशा पीछे छोड़ दिये जाते थे। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला हो या फिर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), वर्षों से देश को इन फैसलों का इंतजार था।'' उन्होंने कहा, ''देशहित में ये फैसले जरूरी थे और दुनिया भर के तमाम दबावों के बावजूद हम इन फैसलों पर कायम हैं और कायम रहेंगे।'' देश के विभिन्न हिस्सों में सीएए के खिलाफ जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शनों के मद्देनजर प्रधानमंत्री का यह बयान महत्वपूर्ण है।

मोदी ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अन्त्योदय के सिद्धांत को अपनी सरकार के इरादों से जोड़ते हुए कहा कि दीनदयाल जिस तरह अन्त्योदय की बात करते थे, वैसे ही देश के छोटे शहरों का उदय देश के विकास को नयी ऊंचाइयों पर ले जाएगा। उन्होंने कहा कि देश की विकास परियोजनाओं का विशेष लाभ इन छोटे शहरों और उनमें रहने वाले लोगों को ही हुआ है। अभी हाल में जो बजट आया है, उसमें सरकार ने घोषणा की है कि मूलभूत ढांचे के निर्माण पर 100 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा धनराशि खर्च की जाएगी। इसका बहुत बड़ा हिस्सा देश के छोटे-छोटे शहरों के खाते में ही जाने वाला है।

सरकार की ‘मेक इन इंडिया' और ‘मुद्रा' समेत विभिन्न योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दीनदयाल कहते थे कि आत्मनिर्भरता और स्वयं सहायता सभी योजनाओं के केन्द्र में होने चाहिये। उनके इन विचारों को सरकार की योजनाओं और कार्यप्रणाली में निरन्तर लाने का प्रयास किया जा रहा है। प्रधानमंत्री ने करीब 1,250 करोड़ रुपये की लागत वाली करीब 50 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया। इनमें काशी हिंदू विश्वविद्यालय में 430 बिस्तरों वाला सुपर स्पेशियलिटी सरकारी अस्पताल और विश्वविद्यालय में 74 बिस्तरों वाला मनोरोग अस्पताल भी शामिल है। मोदी ने एक वीडियो लिंक के माध्यम से आईआरसीटीसी की 'महाकाल एक्सप्रेस' को भी हरी झंडी दिखायी। यह निजी रेलगाड़ी तीन ज्योतिर्लिंग तीर्थ स्थलों- वाराणसी, उज्जैन और ओंकारेश्वर को जोड़ेगी।

इसके बाद, प्रधानमंत्री ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय हस्तकला संकुल में दो दिवसीय 'काशी एक रूप अनेक' प्रदर्शनी का उद्घाटन किया, जिसमें प्रदेश भर के उत्पाद प्रदर्शित किए गये। मोदी ने अपने उत्पादन का प्रदर्शन कर रहे कारीगरों से बातचीत की और उन्हें आटोग्राफ भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत की हमेशा से शक्ति रही है कि यहां हर जिले की पहचान से कोई न कोई विशेष कला या उत्पाद जुड़ा रहा है। यह सदियों से हमारे यहां परम्परा रही है और हमारे व्यापारियों, कारोबारियों ने इस परम्परा का प्रचार भी पूरी दुनिया में किया है।

मोदी ने कहा कि हमें अपनी इस पुरातन परम्परा को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने की जरूरत है। अपने उत्पादों को और परिष्कृत करने और उनमें समय के हिसाब से बदलाव लाने की जरूरत है। यह तभी सम्भव है जब हम परम्परा से चल रहे उद्योगों को संस्थागत सहयोग दें। इसके पूर्व, मोदी ने वीरशैव समुदाय के जंगमबाड़ी मठ में आयोजित जगदगुरु विश्वराध्य गुरुकुल के शताब्दी समारोह के समापन पर कहा कि भारत की सही पहचान को भावी पीढ़ी तक पहुंचाने का दायित्व हम सभी पर है। देश सिर्फ सरकार से नहीं बनता, बल्कि एक-एक नागरिक के संस्कार से बनता है। एक नागरिक के रूप में हमारा आचरण ही नये भारत की दिशा तय करेगा। उन्होंने श्री सिद्धान्त शिखमणी ग्रन्थ के 19 भाषाओं में अनुदित संस्करण और इसके मोबाइल एप्लिकेशन का विमोचन भी किया।

उन्होंने कहा कि इस ग्रंथ को 21वीं सदी का रूप देने के लिये वह विशेष अभिनन्दन करते हैं। भक्ति से मुक्ति का मार्ग दिखाने वाले इस दर्शन को भावी पीढ़ी तक पहुंचाया जाना चाहिये। एक मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से यह दर्शन युवाओं तक पहुंचकर उन्हें प्रेरणा देगा। उन्होंने सुझाव दिया कि आगे चलकर इस ऐप के द्वारा इसी ग्रंथ के संबंध में हर वर्ष प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता आयोजित की जानी चाहिए और हर राज्य से शीर्ष तीन प्रतिभागियों को पुरस्कार दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने जल संरक्षण में लोगों के योगदान के महत्व का जिक्र करते हुए कहा कि हमें पानी की बचत और उसके पुनर्संचयन पर ध्यान देना होगा। घर हों, खेत हों या दूसरे स्थान हों हमें पानी बचाने पर ध्यान देना है। देश में इतने बड़े अभियान को सिर्फ सरकार नहीं चला सकती। इनकी सफलता के लिये जनभागीदारी जरूरी है। भारत को जलयुक्त और सूखामुक्त करने में प्रत्येक नागरिक का योगदान महत्वपूर्ण है।

अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के संदर्भ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज देश में ऐसे फैसले हो रहे हैं, उन पुरानी समस्याओं का समाधान किया जा रहा है, जिनकी किसी ने कल्पना नहीं की थी। राम मंदिर विवाद दशकों से अदालतों में उलझा हुआ था, लेकिन अब मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। उन्होंने कहा कि यह पूज्य संतों के आशीर्वाद से हुआ है। अयोध्या में सरकार द्वारा अधिग्रहीत 67 एकड़ जमीन नवगठित ट्रस्ट को सौंप दी जाएगी। इन कार्यक्रमों के दौरान प्रधानमंत्री के साथ उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। 


 

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