Farrukhabad News: स्वास्थ्य के लिए घातक बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही, बिल वर्ड कम्पनी पर निजी नर्सिंग होमों से लाखों की अवैध वसूली का आरोप

Edited By Mamta Yadav,Updated: 06 Mar, 2025 03:29 PM

negligence in disposal of biomedical waste which is harmful for health

फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य के लिए घातक बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। राजकीय व निजी अस्पतालों के निकलने वाले कचरे की निस्तारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था। इसके लिए राजकीय अस्पतालों में जैव...

Farrukhabad News, (दिलीप कुमार): फर्रुखाबाद में स्वास्थ्य के लिए घातक बायो मेडिकल वेस्ट निस्तारण में लापरवाही बरती जा रही है। राजकीय व निजी अस्पतालों के निकलने वाले कचरे की निस्तारण व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिया था। इसके लिए राजकीय अस्पतालों में जैव अपशिष्ट भंडारण कक्ष का निर्माण कराया गया था। कुछ दिनों तक नियमानुसार निस्तारण किया गया। लेकिन अब इसमें निजी अस्पतालों की स्थिति अधिक चिंताजनक है। कुछ अस्पतालों द्वारा निस्तारण की व्यवस्था की गई है। जबकि अधिकतर अस्पताल संचालक इस मामले में लापरवाही बरत रहे हैं।
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अस्पतालों के बाहर व आस-पास मेडिकल वेस्ट निस्तारित किए जाते हैं जो स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक साबित हो रहे हैं। वहीं मेडिकल बायो वेस्ट निस्तारण के नाम पर बिल वर्ड कम्पनी निजी नर्सिंग होमों से लाखों की अवैध बसूली कर रही है। बिल वर्ड कम्पनी निजी नर्सिंग होमों से नहीं उठा रही है। निजी नर्सिंग होमों से निकलने वाले मेडिकल वयो बेस्ट को सड़कों किनारे फेंका जा रहा है। खुले में सामान्य तापमान में मेडिकल बायो वेस्ट को जलाने से डायोक्सिन, फियुरान्स जैसे ऑर्गेनिक निकलते हैं जो कैंसर जैसे घातक बीमारी फैलाते हैं।
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बताए चलें की फर्रुखाबाद के निजी नर्सिंग होम से निकलने वाले मेडिकल बायो बेस्ट को नष्ट करने का टेंडर कानपुर की बिल वर्ड को मिला है। बिल वर्ड कम्पनी केवल कागज में मेडिकल बायो बेस्ट को नष्ट  कर रही है। एनओसी देने के नाम पर बिल वर्ड कम्पनी निजी नर्सिंग होम से 30 हजार रुपए से 70 हज़ार रुपये वसूल रही है। हर महीने मेडिकल बायो बेस्ट को नष्ट करने के नाम पर बिल वर्ड कम्पनी निजी अस्पताल से 4000 हजार से 10000 हजार रुपये तक वसूल रही है। जब इस मामले में अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी रंजन गौतम से बात की गयी तो उन्होंने बताया की आम जनमानस की जान से खिलवाड़ करने बाली बिल वर्ड कम्पनी पर कार्यवाही की जाएगी। जिसकी शिकायत प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को दी जाएगी और सूचना बिल वर्ड कम्पनी को नोटिस देंगे।
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मेडिकल बायो बेस्ट तीन तरह का होता है सूखा, गिलाऔर मानव अंग, इंजेक्शन ब्लेड सुई। तीनो मेडिकल बायो बेस्ट को रखने के लिए अलग-अलग रंग के बैग में रखा जाता है जिससे मेडिकलबायो बेस्ट को नष्ट करने में आसानी हो। लाल रंग के बैग में सुखा मेडिकल कचरा जैसे ब्लास्टर, रुई, पट्टी को रखा जाता है। पीले बैग में गिला मेडिकल कचरा मानव अंग को रखा जाता है। काले रंग के बैग में सुई, कांच की बोलते ब्लेड को रखा जाता है। पीले रंग के बैग में जलाने बाले मेडिकल कचरे को रखा जाता है लाल रंग के बैग में रिसाइकिल बाले मेडिकल कचरे को रखा जा जाता है। बिल वर्ड कम्पनी का काम है इन तीनो बैगों के मेडिकल बायो बेस्ट को ट्रीटमेंट प्लांट तक सुरक्षित भेजना होता है। इन तीनो बैग के मेडिकल कचरे को हाइड्रोक्लोराइड एसिड से साफ किया जाता है जिससे मेडिकल कचरे के बैक्टीरिया मर जाये। मेडिकल बायो बेस्ट को 1150 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर नष्ट करना चाहिए नहीं तो यह मानव जीवन के लिए घातक होगा।

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