Edited By Mamta Yadav,Updated: 11 Aug, 2025 01:36 AM

देवबंदी विचारधारा की इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के सदर मुदर्रिस एवं जमीयत-उल्मा-ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को कहा कि उनका संगठन चाहता है कि देश में मुस्लिम छात्राएं परदे में रहकर धार्मिक और आधुनिक दोनों...
Saharanpur News: देवबंदी विचारधारा की इस्लामिक शिक्षण संस्था दारूल उलूम देवबंद के सदर मुदर्रिस एवं जमीयत-उल्मा-ए हिन्द के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी ने रविवार को कहा कि उनका संगठन चाहता है कि देश में मुस्लिम छात्राएं परदे में रहकर धार्मिक और आधुनिक दोनों शिक्षाओं को ग्रहण कर अपना भविष्य बनाएं। उनके लिए शिक्षा हासिल करने के पृथक संस्थान भी होने चाहिए।
सह शिक्षा में युवतियों की सुरक्षा संभव नहीं
उन्होंने कहा कि समाज आज ऐसे मोड पर खडा है कि यदि हम अपने बच्चों को अच्छे संस्कार नहीं देते हैं तो उनके बिगड़ने का पूरा अंदेशा है। हम चाहते हैं कि मुस्लिम युवतियां भी तालीम के क्षेत्र में पीछे न रहें। साथ ही वे अपने चरित्र और चाल-चलन का भी ढंग से बचाव करें। सह शिक्षा में युवतियों की सुरक्षा संभव नहीं है। इसलिए जमीयत उनके लिए पृथक शिक्षा केन्द्रों की मांग करता आ रहा है। इसको अन्यथा नहीं लिया जाना चाहिए। हम देश के मौजूदा सामाजिक ढांचे को स्वीकार करते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि असामाजिक तत्वों का शिकार हमारी बेटियां न बनें ओर किसी भी तरह से उनके कदम न बहके।
पश्चिमी उप्र के प्रमुख उलेमाओं और जमीयत के पदाधिकारियों के साथ बैठक
मौलाना मदनी ने कहा कि देवबंद में शनिवार को इस संबंध में पश्चिमी उप्रके प्रमुख उलेमाओं और जमीयत के पदाधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें इस बात पर ध्यान दिया गया कि हमारी बेटियां किसी भी कारणों से आधुनिक शिक्षा से महरूम नहीं रहनी चाहिए। साथ ही उन्हें इस्लाम की दुनियावी शिक्षा और संस्कार भी ग्रहण करने का पूरा अवसर मिले।