चुनाव सुधारों पर मायावती का बड़ा बयान, इन तीन अहम सुधारों की रखी मांग

Edited By Pooja Gill,Updated: 09 Dec, 2025 03:57 PM

mayawati s big statement on electoral reforms

लखनऊ: संसद में चुनाव सुधारों को लेकर जारी चर्चा के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने चुनावी प्रणाली की खामियों को दूर करने के लिए तीन बड़े सुधारों की जोरदार वकालत की है...

लखनऊ: संसद में चुनाव सुधारों को लेकर जारी चर्चा के बीच बहुजन समाज पार्टी (BSP) प्रमुख मायावती ने चुनावी प्रणाली की खामियों को दूर करने के लिए तीन बड़े सुधारों की जोरदार वकालत की है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए मतदाता सूची की सही और व्यापक तैयारी, उम्मीदवारों के आपराधिक इतिहास की अनिवार्य पारदर्शिता और ईवीएम की जगह बैलेट पेपर व्यवस्था की वापसी आवश्यक है।    

मायावती ने ये लिखा...
मायावती ने एक्स पर लिखा कि पूरे देश में एसआईआर प्रक्रिया के माध्यम से मतदाता सूची तैयार की जा रही है, जिसका बसपा विरोध नहीं करती। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और संशोधन की प्रक्रिया तय समय सीमा के कारण पूरी नहीं हो पाती, जिससे लाखों पात्र मतदाता अपने वोट के अधिकार से वंचित हो जाते हैं। उन्होंने बीएलओ पर अधिक दबाव होने और जांच में लापरवाही की शिकायतें आने का उल्लेख किया। बसपा प्रमुख ने सुझाव दिया कि सूची संशोधन की समय सीमा बढ़ाई जाए और प्रक्रिया को ईमानदारी व पारदर्शिता के साथ पूरा कर यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी पात्र मतदाता का नाम सूची से बाहर न रह जाए।

'पाटिर्यों पर कानूनी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए'
प्रत्याशियों के आपराधिक इतिहास का मुद्दा भी गंभीरता से उठाते हुए कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के बावजूद कई राजनीतिक दल अपने उम्मीदवारों के खिलाफ दर्ज मामलों की जानकारी सार्वजनिक करने से बचते हैं। ऐसे में नामांकन की जांच के दौरान जब नए तथ्य सामने आते हैं तो दोष चुनाव आयोग पर मढ़ दिया जाता है। मायावती ने कहा कि अपराधियों को टिकट देने वाली पाटिर्यों पर कानूनी जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई का प्रावधान होना चाहिए। साथ ही, प्रत्याशियों के आपराधिक रिकॉर्ड को अखबारों और वेबसाइटों पर प्रमुखता से प्रकाशित किया जाना चाहिए, ताकि मतदाता सही जानकारी के साथ निर्णय ले सकें। 

मायावती ने उठाए ईवीएम पर सवाल 
ईवीएम पर सवाल उठाते हुए मायावती ने कहा कि चुनाव के दौरान और उसके बाद ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर संदेह जताए जाते रहे हैं। वीवीपैट पर्चियों की गिनती और मतों में मेल न होने पर विवाद और बढ़ जाता है। उन्होंने फिर दोहराया कि बैलेट पेपर की प्रणाली पूरी तरह पारदर्शी होती है और इसमें किसी तरह की शंका की गुंजाइश नहीं रहती। यदि बैलेट पेपर से मतदान कराया जाए तो हर वोट की गिनती और सत्यापन सुनिश्चित हो सकेगा। 

'तीन सुधार लागू होने से जनता का विश्वास मजबूत होगा'
मायावती ने कहा कि तकनीकी प्रक्रिया में समय लगने का तकर् देकर चुनाव आयोग इन प्रस्तावों को टाल नहीं सकता, क्योंकि लोकतंत्र की विश्वसनीयता सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होने उम्मीद जताई कि संसद में चल रही बहस के दौरान इन सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रणाली में ये तीन सुधार लागू होने से जनता का विश्वास और मजबूत होगा और देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था अधिक पारदर्शी व निष्पक्ष बनेगी।  

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