मंत्रालयों में सीधी भर्ती पर भड़कीं मायावती, बोलीं- 'यह संविधान का सीधा उल्लंघन है'

Edited By Ramkesh,Updated: 18 Aug, 2024 02:48 PM

mayawati furious over direct recruitment in ministries

केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के पदों पर सीधी भर्ती को लेकर मायावती ने समेत कई विपक्ष के नेताओं ने हमला बोला है। मायावती ने कहा, केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती...

लखनऊ: केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के पदों पर सीधी भर्ती को लेकर मायावती ने समेत कई विपक्ष के नेताओं ने सरकार पर हमला बोला है। मायावती ने कहा, केन्द्र में संयुक्त सचिव, निदेशक एवं उपसचिव के 45 उच्च पदों पर सीधी भर्ती का निर्णय सही नहीं है, क्योंकि सीधी भर्ती के माध्यम से नीचे के पदों पर काम कर रहे कर्मचारियों को पदोन्नति के लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।

बिना किसी नियम के भर्ती करना गैर- कानूनी एवं असंवैधानिक
उन्होंने कहा कि  इसके साथ ही, इन सरकारी नियुक्तियों में SC, ST व OBC वर्गों के लोगों को उनके कोटे के अनुपात में अगर नियुक्ति नहीं दी जाती है तो यह संविधान का सीधा उल्लंघन होगा। और इन उच्च पदों पर सीधी नियुक्तियों को बिना किसी नियम के बनाए हुए भरना यह बीजेपी सरकार की मनमानी होगी, जो कि गैर-कानूनी एवं असंवैधानिक होगा।

राहुल गांधी बोले- UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका
कांग्रेस नेता राहुल गांधी इसे लेकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी संघ लोक सेवा आयोग की जगह ‘राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ’ के ज़रिए लोकसेवकों की भर्ती कर संविधान पर हमला कर रहे हैं। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में महत्वपूर्ण पदों पर लेटरल एंट्री के ज़रिए भर्ती कर खुलेआम SC, ST और OBC वर्ग का आरक्षण छीना जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि टॉप ब्यूरोक्रेसी समेत देश के सभी शीर्ष पदों पर वंचितों का प्रतिनिधित्व नहीं है, उसे सुधारने के बजाय लेटरल एंट्री द्वारा उन्हें शीर्ष पदों से और दूर किया जा रहा है। यह UPSC की तैयारी कर रहे प्रतिभाशाली युवाओं के हक़ पर डाका और वंचितों के आरक्षण समेत सामाजिक न्याय की परिकल्पना पर चोट है।

IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है
‘चंद कॉरपोरेट्स’ के प्रतिनिधि निर्णायक सरकारी पदों पर बैठ कर क्या कारनामे करेंगे इसका ज्वलंत उदाहरण SEBI है, जहां निजी क्षेत्र से आने वाले को पहली बार चेयरपर्सन बनाया गया। प्रशासनिक ढांचे और सामाजिक न्याय दोनों को चोट पहुंचाने वाले इस देश विरोधी कदम का INDIA मजबूती से विरोध करेगा।‘IAS का निजीकरण’ आरक्षण खत्म करने की ‘मोदी की गारंटी’ है।

, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों 45 पदों पर होगी सीधी भर्ती 
दरअसल, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में संयुक्त सचिवों, निदेशकों और उप सचिवों के 45 पदों पर सीधी भर्ती के माध्यम से विशेषज्ञ नियुक्त किए जाने का फैसला किया है। आमतौर पर ऐसे पदों पर आईएएस, आईपीएस, आइएफओएस और ग्रुप ए सेवाओं के अधिकारी होते हैं। लेकिन संघ लोक सेवा आयोग सीधी भीर्ती से 45 पदों पर नियुक्ति करेगा। (यूपीएससी) ने शनिवार को 45 पदों के लिए विज्ञापन दिया। इसमें 10 संयुक्त सचिव, 35 निदेशक और उप सचिव के पद शामिल हैं। 17 सितंबर तक आवेदन मांगा है।

क्या है लेटरल एंट्री?
लेटरल एंट्री का मतलब सरकारी विभागों में विशेषज्ञों को अनुबंध के आधार पर तीन साल की अवधि के लिए नियुक्त किया जा सकता है। केंद्र सरकार में संयुक्त सचिव, निदेशक और उप सचिव के स्तर पर लेटरल एंट्री भर्ती 2018 से ही की जा रही है।

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