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Mahakumbh 2025: बसंत पंचमी पर महाकुंभ में तीसरा अमृत स्नान, जानें सही मुहूर्त और स्नान विधि.....कौन सा अखाड़ा कब लगाएगा डुबकी?

Edited By Anil Kapoor,Updated: 03 Feb, 2025 08:07 AM

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Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान आज, 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन तीसरा अमृत स्नान आयोजित किया जा रहा है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करेंगे। इस दिन का खास महत्व मां...

Mahakumbh 2025: प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान आज, 3 फरवरी 2025 को बसंत पंचमी के दिन तीसरा अमृत स्नान आयोजित किया जा रहा है। इस दिन लाखों श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में डुबकी लगाकर अपने पापों से मुक्ति प्राप्त करेंगे। इस दिन का खास महत्व मां सरस्वती के पूजन से जुड़ा हुआ है, जो ज्ञान और कला की देवी मानी जाती हैं।

महाकुंभ और अमृत स्नान का महत्व
महाकुंभ में हर स्नान धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है, लेकिन बसंत पंचमी के दिन इसे विशेष पुण्यकारी माना जाता है। इस दिन को लेकर मान्यता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक स्नान करता है, उसे जीवन में अपार सफलता और पुण्य प्राप्त होता है। यही कारण है कि इस दिन संगम में स्नान करने का महत्व बहुत बढ़ जाता है।

महाकुंभ 2025 का तीसरा अमृत स्नान मुहूर्त
महाकुंभ 2025 के तीसरे अमृत स्नान का मुहूर्त 2 फरवरी 2025 को सुबह 9:14 बजे से शुरू होकर 3 फरवरी 2025 को सुबह 6:52 बजे तक रहेगा। खास बात यह है कि ब्रह्म मुहूर्त (सुबह 5:24 से 6:16 तक) में स्नान करने से विशेष लाभ मिलता है। इसके अलावा, लाभ काल, अमृत काल और शुभ काल जैसे शुभ समय भी इस दिन उपलब्ध हैं।

अमृत स्नान की विधि
बसंत पंचमी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में नदी में स्नान करने से पहले साधु-संतों के स्नान का पालन करना चाहिए। स्नान के बाद तट से दूर पवित्र जल से शरीर को शुद्ध किया जाता है, जिसे मलापकर्षण स्नान कहते हैं। इसके बाद नदी में घुटनों तक उतरकर जल लेकर संकल्प किया जाता है। स्नान के समय विशेष मंत्र का उच्चारण करना चाहिए: “गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वति, नर्मदे सिन्धु कावेरी जलऽस्मिन्सन्निधिं कुरु”। स्नान के बाद सूर्य की ओर मुंह करके पांच बार डुबकी लगानी चाहिए और तर्पण करना चाहिए। इसके बाद स्वच्छ वस्त्र पहनकर पंचदेवों की पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंदों को दान देना चाहिए।

अखाड़ों का अमृत स्नान
महाकुंभ में विभिन्न अखाड़ों का विशेष स्नान कार्यक्रम होता है। सबसे पहले सन्यासी परंपरा के अखाड़ों का स्नान होता है। इसके बाद अन्य अखाड़ों का क्रम शुरू होता है:

5:00 बजे: श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और श्री शंभू पंचायती अटल अखाड़ा संगम तट पर स्नान करेंगे।
5:50 बजे: श्री पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी और श्री पंचायती अखाड़ा आनंद स्नान करेंगे।
6:45 बजे: श्री पंचदश नाम जूना अखाड़ा, श्री पंचदश नाम आवाहन अखाड़ा और श्री पंच अग्नि अखाड़ा स्नान करेंगे।
9:25 बजे: अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाड़ा स्नान करेगा।
10:05 बजे: अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अनी अखाड़ा स्नान करेगा।
11:05 बजे: अखिल भारतीय श्री पंच निर्वाणी अनी अखाड़ा स्नान करेगा।
12:00 बजे: श्री पंचायती नया उदासीन अखाड़ा स्नान करेगा।
1:05 बजे: श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन स्नान करेगा।
2:25 बजे: श्री पंचायती निर्मल अखाड़ा स्नान करेगा।

महाकुंभ का यह दिन धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। श्रद्धालु संगम में स्नान करके पुण्य के भागी बनते हैं और इस अवसर पर पूजा और दान का भी विशेष महत्व होता है।

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