प्रवासी मजदूरों की हालत और रोजगार देने की योजना को लेकर HC ने UP सरकार से मांगा जवाब

Edited By Umakant yadav,Updated: 28 May, 2020 07:54 PM

hc seeks response from up government regarding migrant laborers employment

लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से यूपी में आए प्रवासी मजदूरों की हालत और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रवासी...

प्रयागराज: लॉकडाउन में बाहरी राज्यों से यूपी में आए प्रवासी मजदूरों की हालत और ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण रोकने के मामले को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। कोर्ट ने प्रवासी मजदूरों व उनके परिवार वालों के इलाज व पुनर्वास के बारे में सरकार से जानकारी मांगी है। साथ ही मजदूरों के रोजगार के लिए बनाई गई सरकार की योजना के बारे में पूछा है। 

हाईकोर्ट ने मजदूरों की बदहाली पर जताई नाराज़गी
बता दें कि अधिवक्ता ऋतेश श्रीवास्तव व गौरव त्रिपाठी की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मजदूरों की बदहाली पर नाराज़गी जताई है। साथ ही कहा कि रोजगार पाने के लिए देश के किसी भी राज्य में जाने और वहां रहने का मजदूरों को संवैधानिक अधिकार है। राज्यों की ज़िम्मेदारी है कि मुश्किल वक्त में मजदूरों के खाने व रहने का उचित इंतजाम करें। ऐसा व्यवहार न करें, जिससे मजदूर राज्यों को छोड़कर अपने घर जाने को मजबूर हों। मजदूरों को भूखा-प्यासा रखकर उन्हें राज्य छोड़ने को मजबूर न किया जाए।

सरकार से सभी बिंदुओं पर 1 जून तक जवाब-तलब
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मजदूरों को परिवार सहित प्रदेश में ही जीविकोपार्जन के लिए ले-आउट प्लान पेश करने का निर्देश दिया है। चीफ जस्टिस गोविन्द माथुर व जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए यूपी सरकार से सभी बिंदुओं पर 1 जून तक जवाब तलब किया है। यूपी सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल ने नोटिस को रिसीव किया है।

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