Edited By Umakant yadav,Updated: 23 May, 2020 02:05 PM
लॉकडाउन के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार से अपने घर लौट रहे मजदूरों व इधर-उधर फंसे हुए कामगारों को दी जाने वाली सुविधाओं की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने 2 हफ्ते बाद हलफनामे के साथ...
लखनऊ: लॉकडाउन के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने केंद्र और राज्य सरकार से अपने घर लौट रहे मजदूरों व इधर-उधर फंसे हुए कामगारों को दी जाने वाली सुविधाओं की रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने 2 हफ्ते बाद हलफनामे के साथ स्टेटस रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। याचिका में मजदूरों को भोजन, पीने का पानी और मेडिकल आदि आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की गई है।
बता दें कि यह आदेश लखनऊ बेंच के जस्टिस अनिल कुमार और जस्टिस सौरभ लवानिया ने दिलीप कुमार मिश्रा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर दिया। इसके साथ ही राज्य सरकार के अधिवक्ता एच पी श्रीवास्तव ने दलील रखी कि गृह मंत्रालय व सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों का पूरी तरह से पालन हो रहा है। याचिका की वीडियो कॉंफ्रेंसिंग के जरिये सुनवाई के दौरान असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल एस बी पांडेय ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि प्रवासी मजदूरों के सम्बंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 21 अप्रैल और 5 मई को पारित आदेशों का पालन किया जा रहा है। जिसे सुनने का बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई तक केंद्र और राज्य सरकार को मजदूरों को दी जाने वाली सुविधाओं की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया।
गौरतलब हो कि दिलीप कुमार मिश्रा द्वारा दायर याचिका में मजदूरों को भोजन, पीने का पाने और मेडिकल आदि आवश्यक सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की गई है। साथ ही याचिका में यह सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है कि मजदूरों को भूखा न छोड़ा जाए और उन्हें परिवहन की सुविधा भी मिले। जिससे वह आसानी से अपने घरों को पहुंच सकें।