Greater Noida अथॉरिटी की सीईओ Ritu Maheshwari को 1 महीने की सजा, गिरफ्तारी का Warrant जारी

Edited By Anil Kapoor,Updated: 08 Jan, 2023 08:53 AM

greater noida authority ceo ritu maheshwari sentenced to 1 month

प्लॉट आवंटी और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के बीच चल रहे मुकदमे में जीएनआईडीए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रितु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) को एक महीने की जेल के साथ-साथ एक महीने की सजा सुनाई गई है। उनकी...

नोएडा (गौरव गौर): प्लॉट आवंटी और ग्रेटर नोएडा (Greater Noida) औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) के बीच चल रहे मुकदमे में जीएनआईडीए की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) रितु माहेश्वरी (Ritu Maheshwari) को एक महीने की जेल के साथ-साथ एक महीने की सजा सुनाई गई है। उनकी गिरफ्तारी (Arrest) का आदेश जारी कर दिया है। माहेश्वरी को गिरफ्तार करने का वारंट गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह को जारी किया गया है। करीब 18 साल से चल रहे इस मामले में शनिवार को जिला उपभोक्ता फोरम ने ये आदेश दिए हैं।

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2005 में जिला उपभोक्ता फोरम में गया था मामला
जिला उपभोक्ता फोरम से मिली जानकारी के अनुसार महेश मित्रा नाम के व्यक्ति ने 2001 में जमीन के एक प्लॉट के आवंटन के लिए आवेदन किया था। हालांकि, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने मित्रा को जमीन आवंटित नहीं की, जिसके बाद मित्रा ने याचिका दायर की थी। 2005 में जिला उपभोक्ता फोरम में मामला गया और 18 दिसंबर 2006 को जिला फोरम ने इस मामले में अपना फैसला सुनाया। जिला उपभोक्ता फोरम ने जीएनआईडीए को आदेश दिया कि मित्रा को उसकी आवश्यकता के अनुसार 1,000 से 2,500 वर्ग मीटर के बीच का प्लॉट आवंटित किया जाए, जिस पर जीएनआईडीए के नियम और शर्तें लागू रहेंगी।

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राज्य आयोग के इस फैसले से विकास प्राधिकरण को मिली बड़ी राहत
इसके अलावा ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण को भी मामले की पूरी कानूनी फीस अदा करने का आदेश दिया था। इसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने राज्य उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा सुनाए गए आदेश के खिलाफ राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की। 21 दिसंबर 2010 को राज्य उपभोक्ता आयोग ने इस अपील पर फैसला सुनाया। राज्य आयोग ने फैसला सुनाया कि मित्रा द्वारा विकास प्राधिकरण के पास जमा की गई 20,000 रुपये की पंजीकरण राशि वापस कर दी जाएगी। यह राशि 6 जनवरी, 2001 को जमा की गई थी और 6 प्रतिशत ब्याज भी 6 जनवरी, 2001 से भुगतान की तिथि तक देना होगा। राज्य आयोग के इस फैसले से विकास प्राधिकरण को बड़ी राहत मिली है।

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500 से 2500 वर्ग मीटर के बीच कोई भी भूखंड किया जा सकता है आवंटित
मित्रा ने राज्य उपभोक्ता आयोग के इस आदेश के खिलाफ राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। पूरे मामले को सुनने के बाद राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने 30 मई 2014 को अपना फैसला सुनाया। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने कहा कि मामले को लेकर मित्रा की स्थिति सही थी और राज्य उपभोक्ता आयोग का फैसला गलत था। जिला उपभोक्ता फोरम का फैसला सही है। हालाँकि, राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा घोषित निर्णय में मामूली बदलाव किया। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने अपने फैसले में कहा कि मित्रा को 500 से 2500 वर्ग मीटर के बीच कोई भी भूखंड आवंटित किया जा सकता है। यह उनकी परियोजना रिपोर्ट और आवश्यकता के आधार पर तय किया जाएगा। जीएनआईडीए ने राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के उस फैसले को लागू नहीं किया जिसके खिलाफ मित्रा ने एक बार फिर जिला उपभोक्ता फोरम का दरवाजा खटखटाया। जिला उपभोक्ता फोरम ने कई बार जीएनआईडीए को राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के निर्णय का अनुपालन करने का निर्देश दिया है।

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14 जुलाई 2017 को जिला उपभोक्ता फोरम ने जीएनआईडीए के बैंक खातों को कर दिया कुर्क
बताया जा रहा है कि 14 जुलाई 2017 को जिला उपभोक्ता फोरम ने जीएनआईडीए के बैंक खातों को कुर्क कर दिया। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की। इसके बाद राज्य आयोग ने जिला उपभोक्ता फोरम द्वारा घोषित फैसले को रद्द कर दिया। जिला उपभोक्ता फोरम ने 18 अगस्त 2017 को ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ को व्यक्तिगत रूप से फोरम के समक्ष पेश होने का आदेश दिया था। इस आदेश के विरुद्ध भी प्राधिकरण ने राज्य उपभोक्ता आयोग से निरस्तीकरण आदेश प्राप्त किया।

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जीएनआईडीए के सीईओ को एक माह की जेल की सुनाई गई है सजा
जिला उपभोक्ता फोरम ने शनिवार को पारित अदालती फैसले में कहा है कि पिछले 9 साल से ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण जिला फोरम और राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेशों में देरी कर रहा है। जिला उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष अनिल कुमार पुंडीर और फोरम के सदस्य दयाशंकर पांडेय ने शनिवार को पूरे मामले की सुनवाई करते हुए नया आदेश पारित किया है जिसमें जीएनआईडीए के सीईओ को एक माह की जेल की सजा सुनाई गई है। उस पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है और सीईओ को गिरफ्तार करने के लिए गौतमबुद्ध नगर पुलिस आयुक्त को वारंट भेजा गया है। जिला फोरम की ओर से सीईओ को अगले 15 दिनों में राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश का पालन करने का निर्देश दिया गया है।

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