Edited By Tamanna Bhardwaj,Updated: 13 Feb, 2021 04:21 PM
रुपहले परदे पर अपनी अदाकारी से दर्शकों को लोट-पोट करने वाले फिल्म स्टार गोविंदा ने किसान आंदोलन पर विस्तृत बात करते हुए कहा कि जब से मैं पॉलटिक्स से निकला हूं तब से किसी राजनैतिक पार्टी पर कोई चर्चा नहीं करी है, लेकिन राजनैतिक पार्टी पर चर्चा ना...
कानपुर: रुपहले परदे पर अपनी अदाकारी से दर्शकों को लोट-पोट करने वाले फिल्म स्टार गोविंदा ने किसान आंदोलन पर विस्तृत बात करते हुए कहा कि जब से मैं पॉलटिक्स से निकला हूं तब से किसी राजनैतिक पार्टी पर कोई चर्चा नहीं करी है, लेकिन राजनैतिक पार्टी पर चर्चा ना करना कोई भय का विषय नहीं है। मैं समाज से निकला हूं। इसलिए मेरा दायित्व बनता है कि इन सभी विषयों पर चर्चा करूं। पूरे देश की परिस्थिति देखने के बाद में आप समझ पाए है कि क्या आंदोलन हो रहे है, कैसे और क्यों हो रहे है। वो राजनैतिक है या फिर स्पर्धक है। या फिर समय की पुकार निकली है। इसलिए यह विषय बहुत ही संवेेदनशील है, जो उसको समझते है, जूझ रहे है। वो उनकी संवेदनाओं को समझे। यह दोनों तरफ का मामला है। एक तरफ देशकाल परिस्थिति सोचने का है और दूसरी तरफ जो बाधा आ रही है, यह उसका विषय है। इसलिए कलाकार को उसपर चर्चा नहीं करनी चाहिए।
वहीं किसान आंदोलन पर विदेशी हस्तियों द्वारा ट्वीट करने और लता मंगेशकर व सचिन तेंदुलकर द्वारा ट्वीट करने के सवाल पर गोविंदा ने कहा कि यह तो प्रश्न करने वाला ही है, वो कभी नहीं चूकेंगे, लेकिन उनको लोग समझाए की जिसका जो विषय है, उसकी जानकारी पूरी होनी चाहिए। तभी उस विषय पर चर्चा करनी चाहिए। यह नहीं होना चाहिए कि किसी से सुन लिया, देख लिया और सोच लिया। यह किसी के लिए अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा की मुझे ऐसा लगता है कि पार्टी से थोड़ा सा बाहर निकलकर देखा करते है तो समझ में आता है कि यह राजकीय व्यवस्था है और यह सामाजिक कष्ट है। दोनों का सामंजस्य कहा जाकर होगा और कैसे होगा। काफी समय हो गया है लेकिन थोड़ा सा ठहरकर इसका समाधान निकले तो अच्छा है।