Edited By Mamta Yadav,Updated: 24 Mar, 2023 10:38 PM
उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर रामचरितमानस को लेकर विवाद गर्म हो चली है...जिस तरह से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने धर्मग्रंथ को लेकर टिप्पणी की उसके बाद से प्रदेश की राजनीति में ऐसा भूचाल उठा जिसके बाद थमने का नाम नहीं ले रहा... रामचरितमानस...
अयोध्या: उत्तर प्रदेश की सियासत में एक बार फिर रामचरितमानस को लेकर विवाद गर्म हो चली है...जिस तरह से सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने धर्मग्रंथ को लेकर टिप्पणी की उसके बाद से प्रदेश की राजनीति में ऐसा भूचाल उठा जिसके बाद थमने का नाम नहीं ले रहा... रामचरितमानस के एक चौपाई को लेकर जहां सियासी विवाद जारी है...वहीं अब लंबे समय से बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे इकबाल अंसारी रामचरितमानस पर उठे विवाद से काफी आहत हैं उनका कहते है कि रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना चाहिए और इसी के साथ ये कानून भी बनना चाहिए कि किसी भी धर्म के मुख्य ग्रंथ या पुस्तक पर टिप्पणी करने वाले को सजा मिले...
रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की बात कहने वाले, इकबाल अंसारी का ये भी कहना है कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कार्यकाल में रामचरितमानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित नहीं किया गया तो आखिर कब किया जाएगा... वहीं दूसरी ओर श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास का कहना है कि इस तरह की मांग पहले भी हो चुकी है यह पहली बार है कि इस्लाम धर्म से जुड़ा कोई इस तरह की मांग कर रहा है और यह सही समय है...
वहीं विहिप के अवध प्रांत प्रवक्ता शरद शर्मा ने इकबाल अंसारी की मांग का स्वागत करते हुए कहा कि यह सबको साथ लेकर चलने वाला ग्रंथ है इसलिए इसे राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करना चाहिए... आरएसएस समर्थित इकाई राष्ट्रीय पर्व एवं उत्सव समिति ने कवि तुलसीदास की ओर से रचित महाकाव्य रामचरितमानस को राष्ट्रीय पुस्तक घोषित करने की मांग को लेकर एक हस्ताक्षर अभियान का आयोजन भी किया था...