Edited By Mamta Yadav,Updated: 10 Feb, 2023 10:38 PM
उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के मामले में विफल राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आम जनता की गाढ़ी कमाई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिये लुटा कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालना चाहती है।
लखनऊ: उत्तर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बृजलाल खाबरी ने कहा कि महंगाई और बेरोजगारी के मामले में विफल राज्य की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार आम जनता की गाढ़ी कमाई ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के जरिये लुटा कर अपनी नाकामियों पर पर्दा डालना चाहती है।
खाबरी ने शुक्रवार को कहा कि प्रदेश के आर्थिक विकास, बढ़ती महंगाई, और बेरोजगारी को लेकर अपनी अकर्मण्यता और नाकामी को छुपाने के लिए योगी सरकार ‘‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट‘‘ के बहाने प्रदेश की जनता की करोड़ों की गाढ़ी कमाई बड़े-बड़े इवेंट मैनेजमेंट में पानी की तरह बहा रही हैं। भाजपा धरातल पर काम करने के बजाए हैडिंग मैनेजमेंट, भारी-भरकम विज्ञापन, हरडिंग्स के जरिये देशवासियों को गुमराह कर रही है जबकि हकीकत यह है कि प्रदेश सरकार बड़ी-बड़ी इवेंट कंपनियों के माध्यम से हजार करोड़ खर्च करके बड़े-बड़े खोखले दावे करते हुए आकर्षक आयोजनों, विज्ञापनों से अपनी छवि सुधारना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल खत्म करने जा रही हैं, और भाजपा की योगी सरकार भी अपने दूसरे कार्यकाल में युवाओं को रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने में पूरी तरह से असफल रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज पुन: ‘‘ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट‘‘ के माध्यम से प्रदेश के युवाओं को सब्जबाग दिखा रहें हैं। 21 लाख करोड़ रुपए का आर्थिक निवेश लाने का भारी भरकम दावा करने वाली योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल 21,22 फरवरी 2018 में भी लखनऊ में इसी प्रकार का भव्य ‘‘इन्वेस्टर्स समिट‘‘ आयोजित किया था। उस इन्वेस्टर्स समिट में लगभग चार लाख 28 हजार करोड़ रूपये के एमओयू साइन हुये थे मगर धरातल में निवेश न के बराबर रहा। सरकारी आकड़ों के मुताबिक इवेंट में सैकड़ों करोड़ खर्च हुआ और इन्वेस्टमेन्ट जीरो रहा है।
खाबरी ने कहा कि भाजपा शासनकाल में रोजगार मांगने वालों पर लाठियां बरसाई जाती हैं। देश के नौजवानों से हर वर्ष दो करोड़ नौकरियां देने का वादा करके सत्ता पर काबिज हुई भाजपा की केंद्र सरकार और प्रदेश की योगी सरकार आज गलत जीएसटी, नोटबंदी जैसी अपनी जनविरोधी आर्थिक नीतियों के कारण महंगाई, बेरोजगारी से निपटने में पूरी तरह फेल साबित हो चुकीं हैं।