Edited By Ramkesh,Updated: 06 Jun, 2024 07:46 PM
लोकसभा चुनाव का नतीजा आ गया है। पार्टियां अब प्रत्याशियों के हार जीत का अब आकलन करेंगी। क्योंकि भाजपा और बसपा के लिए ये चुनाव मंथन का विषय बन गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा 10 सीटें जीतकर दूसरे नम्बर पर थी जबकि भाजपा 62 सीटें जीतकर पहले नम्बर...
लखीमपुरखीरी: लोकसभा चुनाव का नतीजा आ गया है। पार्टियां अब प्रत्याशियों के हार जीत का अब आकलन करेंगी। क्योंकि भाजपा और बसपा के लिए ये चुनाव मंथन का विषय बन गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा 10 सीटें जीतकर दूसरे नम्बर पर थी जबकि भाजपा 62 सीटें जीतकर पहले नम्बर थी लेकिन 2024 के चुनाव में बसपा को एक सीट पर भी जीत नहीं मिली वहीं भाजपा के 7 केन्द्रीय मंत्री चुनाव हार गए। बात हम लखीमपुरखरी लोकसभा सीट की बात करें तो यहां पर केन्द्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी को हार का सामना करना। वहीं कांग्रेस और सपा के ने इस चुनाव में नया इतिहास रच दिया है।
अजय मिश्रा टेनी को 33361 हजार वोटों उत्कर्ष वर्मा ने हराया
लखीमपुर खीरी लोकसभा सीट पर प्रत्याशियों की बात करें तो सपा के प्रत्याशी उत्कर्ष वर्मा को 555019 वोट मिले तो वहीं बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी को 521658 वोट मिले. बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी की बात करें तो अशय कालरा 110096 वोटों के साथ तीसरे नंबर पर हैं. इस तरह से लोकसभा चुनाव 2024 में लखीमपुर खीरी सीट से सपा प्रत्याशी उत्कर्ष वर्मा ने 33361 हजार वोटों से जीत दर्ज
कार्यकर्ताओं की नाराजगी अजय मिश्रा टेनी पर पड़ा भारी
स्थानीय लोगों की मानें तो संगठन के पदाधिकारियों की गुटबाजी की वजह से पार्टी को हार का सामना करना पड़ा है। इस बार प्रत्याशियों के चयन के निर्णय को लेकर कार्यकर्ता सहमत नहीं थे। पार्टी के अंदर रह कर वह इस बात का विरोध तो नहीं कर पाए, लेकिन अपनी नाराजगी का अंदाज जरूर बदल दिया। बात अकेले कार्यकर्ताओं के ही विरोध की नहीं थी। पार्टी के कुछ माननीय भी पार्टी के फैसले से खुश नहीं थे। पार्टी लाइन से हटना तो उनके लिए मुनासिबत न बन जाए इस वजह से हां में हां मिलाते रहे।
किसान आंदोलन का मुद्दा भी रहा हावी
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा कथित रूप से कार से किसानों को रौंदने और उसके बाद भड़की हिंसा के बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी को बर्खास्त नहीं किया गया इसे लेकर भी लोगों में नाराजगी थी जिससे लोगों ने बीजेपी के खिलाफ वोट किया।
सीएम योगी और गृह मंत्री की अपील का नहीं दिखा असर
सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने भी बीजेपी प्रत्याशी अजय मिश्रा टेनी के लिए वोट मांगे। अयोध्या मंदिर को भी हवा दी गई, लेकिन जनता ने सपा पर भरोसा जताया है और सपा प्रत्याशी के सिर पर जीत का ताज पहनाया है।
जातीय समीकरण भी हार की रही वजह
दस साल पहले भाजपा जिस जातीय गुणा-गणित को खत्म कर चुकी थी वही जातीय समीकरण इस चुनाव में एक बार फिर से सिर चढ़कर बोले। जिले में एससीएसटी के बाद कुर्मी बिरादरी का वोट 18 फीसद ही सबसे ज्यादा है। उसके बाद करीब 14 फीसद मुस्लिम मतदाता हैं। ये दोनों इस बार एक राय होकर अपने पुराने किले समाजवादी पार्टी में चले गए। जिससे सपा प्रत्याशी की जीत का आधार इतना मजबूत हुआ कि जिसे हिला पाना भाजपा के लिए लोहे के चने चबाने जैसा हो गया।