Edited By Ramkesh,Updated: 04 Dec, 2025 06:32 PM

उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि इसी बीच बरेली से लगभग 97 लाख रुपये मूल्य के कोडीन युक्त कफ सीरप का मामला उजागर हुआ है। औषधि विभागन ने अवैध बिक्री के मामले में एक फर्म...
बरेली (मों0 जावेद खान): उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में प्रतिबंधित कोडीन युक्त कफ सिरप के अवैध व्यापार का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि इसी बीच बरेली से लगभग 97 लाख रुपये मूल्य के कोडीन युक्त कफ सीरप का मामला उजागर हुआ है। औषधि विभागन ने अवैध बिक्री के मामले में एक फर्म के प्रोपराइटर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन (एफएसडीए) के विशेष अभियान के तहत की गई है।
मुख्यालय, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ के निर्देश पर कोडीन युक्त कफ सीरप की अवैध बिक्री रोकने के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी क्रम में जिलाधिकारी और सहायक आयुक्त (औषधि), बरेली के आदेश पर 20 नवंबर, 2025 को मेसर्स एक्स्ट्रीम हेल्थ सोल्यूशन, बरेली का गहन निरीक्षण किया गया था। निरीक्षण के दौरान फर्म से कोडीन युक्त और अन्य नार्कोटिक औषधियों के खरीद-बिक्री के रिकॉर्ड मांगे गए, लेकिन फर्म के प्रोपराइटर ने कोई भी बिक्री बिल उपलब्ध नहीं कराया।
पूछताछ में प्रोपराइटर ने स्वीकार किया कि उन्होंने रे क्सली-टी कोडीन युक्त कफ सीरप की कुल 62,687 बोतलें खरीदी थीं, जिनकी कीमत 96,67,475 रुपये (लगभग 97 लाख रुपये) है। हालांकि, उनके पास इनकी बिक्री से संबंधित कोई रिकॉर्ड नहींथा। रिकॉर्ड्स की अनुपलब्धता और सामने आए तथ्यों से यह स्पष्ट हुआ कि अधिक लाभ कमाने के उद्देश्य से इस कफ सीरप का अवैध रूप से विक्रय किया गया था।
प्रोपराइटर ने यह भी बताया कि कफ सीरप की आपूर्ति मेसर्स सूर्या मेडिकल स्टोर, बरखेड़ा, पीलीभीत को भी की गई थी, जिसका भुगतान ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त हुआ । इस मामले की विस्तृत जांच पूरी होने के बाद, 3 दिसंबर, 2025 को फर्म के प्रोपराइटर राहुल सभरवाल के खिलाफ थाना कोतवाली, बरेली में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई है।